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Published: Jan 29, 2024 10:31 AM IST

Jordan Drone Attackजॉर्डन में ड्रोन हमला, 3 अमेरिकी सैनिकों की मौत, बाइडन बोले जवाब देगा अमेरिका!

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
जॉर्डन में ड्रोन हमला (डिजाइन फोटो)

कोलंबिया: जॉर्डन (Jordan) में ईरान समर्थित समूह (Iran Supported Group) के ड्रोन हमले (Drone Attack) में तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत (American Soldiers Death) और कई सैनिकों के घायल होने से तिलमिलाए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) ने रविवार को कहा कि अमेरिका इसका ‘‘जवाब” देगा।

इजराइल-हमास युद्ध (Israel-Hamas war) की शुरुआत के बाद से पश्चिम एशिया में अमेरिकी बलों के खिलाफ ऐसे समूहों द्वारा महीनों से जारी हमलों में पहली बार हुई अमेरिकी सैनिकों की मौत के लिए बाइडन ने ईरान समर्थित मिलिशिया को जिम्मेदार ठहराया। दक्षिण कैरोलाइना की यात्रा के दौरान बाइडन ने बैपटिस्ट चर्च के बैंक्वेट हॉल में एक सभा में क्षणभर का मौन रखा।

“अमेरिका जवाब देगा”- बाइडन

बाइडन ने कहा, ‘‘पश्चिम एशिया में हमारे लिए पिछली रात मुश्किल थी। हमने अपने एक सैन्य अड्डे पर हुए हमले में तीन बहादुर सैनिकों को खो दिया। हम जवाब देंगे।’ ‘डेर एजोर 24 मीडिया’ के प्रमुख और यूरोप के कार्यकर्ता उमर अबू लैला के अनुसार, पूर्वी सीरिया में ईरान समर्थित लड़ाकों ने अमेरिकी हवाई हमलों के डर से अपनी चौकी खाली करनी शुरू कर दी है। उन्होंने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) को बताया कि ये क्षेत्र मयादीन और बौकामल के गढ़ हैं।

अमेरिका के मध्य कमान ने कहा कि एकतरफा ड्रोन हमले में से कम से कम 34 सैनिक घायल हो गए, जिनमें से आठ को उपचार के लिए जॉर्डन से बाहर भेजा गया। फिलहाल सभी आठ लोगों की हालत स्थिर है। एक बड़े आकार के ड्रोन ने जॉर्डन में ‘टॉवर 22′ के नाम से जाने जाने वाले ‘लॉजिस्टिक सपोर्ट’ बेस पर हमला किया। मध्य कमान ने कहा कि लगभग 350 अमेरिकी सैनिकी और वायु सेना के कर्मियों को इस बेस पर तैनात किया गया था। कई अमेरिकी अधिकारियों ने नाम का खुलासा नहीं करने की शर्त पर बताया कि तीन सैनिक मारे गए और घायलों में भी अधिकतर सेना के जवान है। इस छोटे प्रतिष्ठान में अमेरिका के इंजीनियरिंग, विमानन एवं रसद विभाग के कर्मियों के अलावा सुरक्षा सैनिक तैनात थे। 

अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा, ‘‘अमेरिका अपने सैनिकों और अमेरिकी हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करेगा।” ऑस्टिन ने कहा कि सैनिकों को आतंकी संगठन आईएसआईएस को स्थायी रूप से हराने के लिए वहां तैनात किया गया था। तीन अधिकारियों ने बताया कि ड्रोन ने सैनिकों के सोने के कक्ष के पास हमला किया, जिससे हताहतों की संख्या अधिक हो गई।

सीरिया के अल-तन्फ में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डा ‘टॉवर 22′ के उत्तर में सिर्फ 20 किलोमीटर की दूरी पर है। जॉर्डन का यह प्रतिष्ठान सीरिया में अमेरिकी सेनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण रसद केंद्र (लॉजिस्टिक हब) के रूप में कार्य करता है।   

(एजेंसी)