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Published: Jun 02, 2022 12:23 PM IST

Pakistan Crisisइमरान खान का छलका दर्द, बोले- मेरी सरकार कमजोर थी, सत्ता को कण्ट्रोल कोई और कर रहा था

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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इस्लामाबाद. पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने देश की शक्तिशाली सेना पर हमला करते हुए यह स्वीकार किया है कि उनकी सरकार एक “कमजोर सरकार” थी, जिसे “हर तरफ से ब्लैकमेल किया” जाता था। उन्होंने कहा कि सत्ता की बागडोर उनके हाथ में नहीं थी और “सभी को पता था कि वह किसके पास है।”

अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद अप्रैल में खान को सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री का आरोप है कि यह अमेरिका-नीत साजिश का हिस्सा था क्योंकि उन्होंने रूस, चीन और अफगानिस्तान पर स्वतंत्र विदेश नीति अपनाई थी। डॉन अखबार के अनुसार, बोल न्यूज को बुधवार को दिए एक साक्षात्कार में खान से उस रात के बारे में सवाल किया गया, जब उनके विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। उनसे पूछा गया कि कौन आदेश दे रहा था और किसने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) तथा पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के विरुद्ध मामलों में रुकावट पैदा की।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख ने कहा कि उनकी सरकार जब से सत्ता में आई थी तभी से वह “कमजोर” थी और उसे गठबंधन की जरूरत पड़ी। खान ने कहा कि ऐसी स्थिति दोबारा पैदा हुई तो वह फिर से चुनाव कराने का विकल्प चुनेंगे और बहुमत की सरकार बनाने का प्रयास करेंगे।

क्रिकेटर से नेता बने 69 वर्षीय खान ने कहा, “हमारे हाथ बंधे हुए थे। हमें हर तरफ से ब्लैकमेल किया जा रहा था। सत्ता हमारे हाथ में नहीं थी। सभी को पता है कि पाकिस्तान में सत्ता किसके पास है, इसलिए हमें उन पर निर्भर रहना पड़ता था।” उन्होंने कहा कि दुश्मनों के खतरे को देखते हुए हर देश के लिए एक “मजबूत फौज” का होना जरूरी है, लेकिन एक मजबूत सेना तथा मजबूत सरकार के बीच “संतुलन” होना भी आवश्यक है।

उन्होंने कहा, “हम हर समय उन पर निर्भर रहते थे। उन्होंने बहुत सी चीजें अच्छी भी की हैं, लेकिन जो बहुत सी चीजें करनी चाहिए थीं, उन्होंने नहीं की। उनके पास सत्ता है, क्योंकि नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (एनबीए) जैसे संस्थानों पर उनका नियंत्रण है।” पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के पास जिम्मेदारी थी, लेकिन सत्ता या शक्ति नहीं थी।