विदेश

Published: Jun 25, 2020 09:00 AM IST

पाक कुरैशी भारतकुरैशी ने लगाया आरोप, चीन विवाद से ध्यान हटाने के लिए पाक पर हमले की फिराक में भारत

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

इस्लामाबाद. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बुधवार को भारत पर आरोप लगाया कि वह चीन के साथ सीमा विवाद से अपने विपक्ष का ध्यान भटकाने के लिए उनके देश पर हमले की साजिश रच रहा है। भारत ने एक दिन पहले ही पाकिस्तान से कहा था कि वह नयी दिल्ली स्थित अपने उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या में कटौती करे। कुरैशी ने ‘जियो पाकिस्तान’ चैनल से बातचीत करते हुए कहा, “भारत का रुख स्पष्ट है (सब देख सकते हैं) क्योंकि वह चीन के साथ अपने सीमा विवाद से ध्यान भटका कर पाकिस्तान की ओर करना चाहता है।” उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत ‘फॉल्स फ्लैग आपरेशन’ (ऐसी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई, जिसमें कार्रवाई करने वाले की पहचान अस्पष्ट हो) शुरू करने का बहाना ढूंढ रहा है। लेकिन उन्होंने इसका कोई ब्यौरा नहीं दिया और न ही कोई सबूत दिया।

उन्होंने चीन के साथ सीमा विवाद और गलवान घाटी में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने की घटना को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार के आलोचना का सामना करने का जिक्र करते हुए कहा, “भारत में विपक्ष सवाल उठा रहा है कि उनकी सरकार जवाब नहीं दे सकती है।” कुरैशी ने भारत को उनके देश पर कोई हमला करने से परहेज करने की चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वह “कोई दुस्साहस” करता है तो पाकिस्तान पूरी ताकत से जवाब देगा। उन्होंने कहा कि भारत ने नयी दिल्ली में पाकिस्तानी राजनयिकों के खिलाफ जासूसी के बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि भारत में पाकिस्तानी कर्मचारियों को परेशान किया गया और अधिकारियों द्वारा उनकी कारों का पीछा किया गया। कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने न केवल आरोपों की निंदा की, बल्कि उन्हें खारिज भी किया। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद में भारतीय मिशन के प्रभारी को मंगलवार को तलब किया गया था और उनसे कहा गया कि भारतीय कर्मचारियों से भी ऐसा ही व्यवहार किया जाएगा। कुरैशी ने कहा, ‘‘ हमने उनसे (भारतीय उच्चायोग प्रभारी) कहा कि इस एकतरफा नीति की वजह से आप भी अपनी मौजूदगी (उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या के संदर्भ में) 50 प्रतिशत कटौती करें।”

उन्होंने कहा, ‘‘अगर पाकिस्तानी कर्मचारी स्वेदश लौटते हैं तो भारतीय कर्मचारियों को भी वापस जाना होगा।” उल्लेखनीय है कि मंगलवार को भारत ने नयी दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग को अपने कर्मचारियों की संख्या में 50 प्रतिशत कटौती करने का निर्देश देते हुए कहा कि था कि वह इस्लामाबाद से इसी अनुपात में कर्मचारियों को वापस बुलाएगा। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा था, ‘‘पाकिस्तान और उसके अधिकारियों का व्यवहार विएना संधि और राजनयिकों और दूतावास कर्मियों को लेकर कर किए गए द्विपक्षीय समझौते के अनुकूल नहीं है।” विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘इसके विपरीत, सीमा पार हिंसा और आतंकवाद का समर्थन करना उसकी नीति का प्रमुख हिस्सा है। इसलिए, भारत सरकार ने नयी दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या को 50 प्रतिशत कम करने का निर्णय लिया है।”(एजेंसी)