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Published: Dec 23, 2020 09:41 PM IST

श्रीलंका-कोरोना श्रीलंका में कोरोना से हुई मौतों के बाद मुस्लिम शवों के दाह-संस्कार के खिलाफ प्रदर्शन 

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Image: Twitter

कोलंबो: कोविड-19 (Covid-19) से मरने वाले मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) के लोगों के शवों (Bodies) को दफनाने के बजाय दाह-संस्कार (Cremation) करने की सरकार की नीति (Government Policy) के खिलाफ श्रीलंका (Sri Lanka) की राजधानी कोलंबो (Colombo) में मूक प्रदर्शन (Protest) किया गया।

उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) (डब्ल्यूएचओ) (WHO) ने कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण के चलते मरने वाले लोगों के शवों को दफनाए जाने की अनुमति दे दी थी। मुख्य विपक्षी नेता सजीत प्रेमदासा ने प्रदर्शन का नेतृत्व किया, जिसमें सिविल सोसाइटी समूह (Civil Society Group) भी शामिल हुए।

मुस्लिम समूहों का आरोप है कि संक्रमण से मरने वाले उनके समुदाय के लोगों के शवों का जबरन दाह-संस्कार किया जा रहा, जबकि उनकी धार्मिक मान्यताएं शवदाह की इजाजत नहीं देती हैं। वहीं, अधिकारियों ने कहा कि शवों को दफन किए जाने से महामारी और फैल सकती है।

मुस्लिम सिविल सोसाइटी समूहों (Muslim Civil Society) ने कहा कि सरकार ने शवों को दफन करने के मुद्दे पर सुझाव देने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की थी, लेकिन नौ महीने बाद भी इसने कोई सुझाव नहीं सौंपे हैं।

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने भी प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Prime Minister Mahinda Rajapaksa) से शवों को दफन करने की इजाजत देने की अपील की है क्योंकि कोविड-19 शवों की अंत्येष्टि पर डब्ल्यूएचओ के दिशनिर्देशों में मुस्लिमों की धार्मिक परंपरा भी शामिल है। श्रीलंका में संक्रमण के अब तक 38,059 मामले सामने आए हैं और 183 लोगों की महामारी से मौत हुई है।