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Published: Feb 27, 2022 09:31 AM IST

Russia-Ukraine Warयूक्रेन के कई हिस्सों पर रूस का कब्ज़ा, खारकीव में गैस पाइलपाइन को उड़ाया

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Pic : ctvnews.ca

नई दिल्ली. बीते 3 दिनों से रूस और यूक्रेन के बीच एक खूनी जंग जारी है। जहाँ रूस के आधुनिक हथियार और तोप यूक्रेन (Ukraine) में तबाही मचा रहे हैं। वहीं अब इन दोनों देशों के बीच बन रही खतरनाक स्थिति से पूरी दुनिया भयंकर चिंता में पड़ गई है। गौरतलब है कि दोनों देशों के रिश्तों पिछले एक महीने से खराब चल रहे थे। ऐसे में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) की ओर से सैन्य कार्रवाई के आदेश के बाद बीते गुरूवार सुबह से ही यूक्रेन पर हमले किए जा रहे हैं। 

रूस ने खारकीव में ब्लास्ट की गैस पाइलपाइन

वहीं एक बड़ी खबर के अनुसार यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि रूस की सेना ने देश के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में एक गैस पाइपलाइन बम धमाके से उड़ा दी। ‘स्टेट सर्विस ऑफ स्पेशल कम्युनिकेशन एंड इंफॉर्मेशन प्रोटेक्शन’ ने आगाह किया कि इस विस्फोट से ‘‘पर्यावरणीय आपदा” आ सकती है और उन्होंने निवासियों को सलाह दी कि वे अपनी खिड़कियों को गीले कपड़ों से ढक दें और काफी तरल पदार्थ पीएं। 

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बमबारी में ग्रीस के 10 लोगों की मौत

इसके साथ ही अब यूक्रेन-रूस के बीच छिड़ी जंग अब कई जान ले रही है। इसमें न ही सिर्फ यूक्रेन के नागरिक मारे जा रहे हैं, बल्कि ग्रीस के नागरिक भी इसका अब इसका शिकार हुए हैं। गौरतलब है  कि यूक्रेनी शहर मारियुपोल के पास रूसी बमबारी से ग्रीस के 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 6 लोग घायल हो गए। एजेंसी के मुताबिक ग्रीस ने रूस के राजदूत को तलब कर लिया है। सबसे बड़ी बात कि यूक्रेन के टेनिस प्लेयर सर्गेई स्टाखोवस्की भी रूस के हमले से लड़ने के लिए यूक्रेन की सेना में शामिल हो गए हैं। 

फ्रांस कर रहा यूक्रेन कि मदद, अपने ही घर घिरा रूस 

उधर फ्रांस ने अब रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन को और अधिक सैन्य उपकरण देने का ऐलान किया है। इसके अलावा फ्रांस रूस पर और भी कई प्रतिबंध लगाएगा। इसके साथ ही अब यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस लहद  अपने घर में घिर गया है। जी हाँ रूस में लगातार पुतिन का विरोध हो रहा है। यहां रूसी पुलिस ने अलग अलग शहरों से अब तक 3000 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है। वहीं यूरोपीय  संघ, फ्रांस, जर्मनी, इटले, यूके, कनाडा और अमेरिका यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस के खिलाफ नए वित्तीय प्रतिबंधों पर सहमती जताई है। इसके अलावा रूसी बैंकों को स्विफ्ट से बाहर करने पर भी सहमति बनी है।