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Published: Sep 22, 2020 06:06 PM IST

श्रीलंका विधेयक संशोधनश्रीलंका सरकार ने 20वें संविधान संशोधन विधेयक संसद में पेश किया

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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कोलंबो: श्रीलंका (Sri Lanka) की सरकार ने राष्ट्रपति को और शक्तियां देने के उद्देश्य से मंगलवार को ससंद के पटल पर 20वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया। इसके साथ ही इन कयासों का दौर खत्म हो गया कि राजपक्षे (Rajapaksa) परिवार के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ पार्टी आतंरिक विरोध के चलते संविधान संशोधन विधेयक को लाने में देर कर सकती है।

सरकार ने दो सितंबर को 20ए विधेयक (20A Bill) का मसौदा गजट में प्रकाशित किया जो वर्ष 2015 में 19वें संविधान संशोधन का स्थान लेगा। बता दें कि 19वें संविधान संशोधन में राष्ट्रपति की शक्तियों में कटौती की गई थी और संसद की भूमिका को मजबूत किया गया था।

गौरतलब है कि वर्ष 1978 में सभी कार्यकारी शक्तियां राष्ट्रपति में समाहित करने के बाद 19ए संविधान संशोधन को सबसे अधिक प्रगतिशील और लोकतंत्र समर्थक बदलाव माना जा रहा था। संसद में पेश 20वें संविधान संशोधन के मसौदे के मुताबिक राष्ट्रपति को पूरी कानूनी सुरक्षा प्रदान की गई है और 19ए के उस प्रावधान को हटाया गया है जिसमें राष्ट्रपति के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।

विपक्ष के हंगामे के बीच न्याय मंत्री अली साबरी ने संविधान संशोधन विधेयक को सदन के पटल पर रखा जिसकी घोषणा पहले ही सरकार तीन सितंबर के गजट में कर चुकी थी।