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Published: Mar 19, 2023 08:53 AM IST

Google Doodleगूगल डूडल के जरिए 'डॉ. मारियो मोलिना' को उनकी 80वीं जयंती पर किया याद, जिन्होंने अपने बाथरूम को ही बना लिया था लैब

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Pic : Google Doodle

नई दिल्ली : गूगल अक्सर कुछ खास दिनों को डूडल के जरिए सेलिब्रेट करता है। आज यानि रविवार को गूगल डूडल (Google Doodle) के जरिए एक मैक्सिकन केमिस्ट डॉ मारियो मोलिना (Dr. Mario Molina) की 80वीं जयंती मना रहा है। कैमिस्ट्री में 1995 के नोबेल पुरस्कार के सह-प्राप्तकर्ता, डॉ. मोलिना ने कई महत्वपूर्ण चीजों पर प्रकाश डाला है। 

कौन है मारियो मोलिना? 

मारियो मोलिना का जन्म 19 मार्च, 1943 को मैक्सिको सिटी में हुआ था। डॉ. मोलिना उन रिसर्चर्स में से एक थे, जिन्होंने बताया कि कैसे कैमिकल पृथ्वी के ओजोन कवच को नष्ट कर देते हैं। जो हानिकारक अल्ट्रावायलेट लाइट से मनुष्यों, पौधों और वन्यजीवों की रक्षा के लिए जरूरी है। 

इतना ही नहीं उन्होंने पृथ्वी ग्रह की ओजोन परत को बचाने के लिए सभी देशों की सरकारों को एक साथ लाने के लिए काफी अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने सभी देशों को एकसाथ आने के लिए मनाने का काम किया था। 

बाथरूम को लैब में किया तब्दील 

गौरतलब है कि मारियो मोलिना बचपन से ही विज्ञान के प्रति इतने ज्यादा जुनूनी थे कि उन्होंने अपने बाथरूम को एक अस्थायी प्रयोगशाला में बदल दिया था। जी हां, आपने सही सुना। इतना ही नहीं उन्हें अपने खिलौना माइक्रोस्कोप में छोटे ऑर्गेनिज्म को देखने से बेइंतहा खुशी मिलती थी। जिसकी तुलना किसी से भी नहीं की जा सकती। 

दौरा पड़ने से हुई मृत्यु

बता दें कि 77 वर्ष की आयु में 7 अक्टूबर, 2020 को मोलिना की मैक्सिको में दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। जिसके बाद भी उन्हें और उनके काम को लोग बेहद याद करते हैं। हालांकि, मारियो मोलिना सेंटर अधिक जीवन उपयोगी और टिकाऊ दुनिया बनाने के लिए अपना काम जारी रखे हुए है। आज उनके 80वीं जयंती को गूगल डूडल के जरिए मना रहा है।