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Published: Oct 28, 2020 01:21 PM IST

अमेरिका-सोशल मीडियाअमेरिका में चुनाव से पहले रिपब्लिकन सीनेटर पक्षपात मामले में ट्विटर, फेसबुक और गूगल के सीईओ से पूछताछ

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

वाशिंगटन: रूढ़ीवादी विचारों के खिलाफ पक्षपातपूर्ण रवैया रखने के आरोपों को लेकर ट्विटर (Twitter), फेसबुक (Facebook) और गूगल (Google) के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) को रिपब्लिकन पार्टी (Republican Party) के सीनटरों के तीखे सवालों का सामना करना होगा। वाणिज्य मामलों की सीनेट की समिति ने ट्विटर के सीईओ माइक डोरसे, फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग और गूगल के सुंदर पिचई को सुनवाई के लिए बुधवार को समन भेजा है।

उपस्थित होने की चेतावनी देने के बाद तीनों कार्यकारी डिजिटल माध्यम से समिति के समक्ष उपस्थित होने पर सहमत हुए। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव प्रचार चरम पर पहुंच रहा है और वहीं मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में रिपब्लिकन पार्टी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों के सोशल साइट को लेकर शिकायत कर रही है कि वह बिना सबूत जानबूझकर रूढ़ीवादी, धार्मिक और गर्भपात विरोधी विचारों को दबा रहे हैं।

रिपब्लिकन पार्टी की ओर झुकाव रखने वाले न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर को फेसबुक और ट्विटर द्वारा हटाए जाने के बाद पार्टी का यह विरोध और बढ़ा है। माना जा रहा है कि कंपनियों के सीईओ से पूछताछ के अलावा सीनेटर ऑनलाइन अभिव्यक्ति को अभयदान देने के लिए कानून में प्रस्तावित संशोधन पर भी चर्चा करेंगे। इस प्रस्ताव को लेकर दोनों पक्षों के आलोचकों का कहना है कि इससे कंपनियों को शालीन सामग्री उपलब्ध करने की जिम्मेदारी से पीछा छुड़ाने का मौका मिल जाएगा।

वाणिज्यिक मामलों की समिति के अध्यक्ष और मिसौरी से रिपब्लिक सीनेटर रोजर विकर ने कहा, ‘‘ लंबे समय से सोशल मीडिया मंच सुरक्षा की धारा-230 का इस्तेमाल उस सामग्री को सेंसर करने के लिए करता रहा है जिसमें वह भरोसा नहीं करता।” (एजेंसी)