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Published: Jul 10, 2021 05:32 PM IST

Alcoholic Ice Creamमार्केट में आई अनोखी आइसक्रीम, खाते ही छाने लगेगा खुमार

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम
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वाशिंगटन. सोचिए कोई आइस्क्रीम खाए और उसे शराब का नशा हो जाए। भला ये भी पॉसिबल है? अब तक तो नहीं था, लेकिन अब ये संभव किया है विल रोजर्स ने। इन्होंने हिंकले के अपने डब्ल्यूडीएस डेजर्ट स्टेशन  में एक ऐसी आइसक्रीम इंट्रोड्यूस की है, जिसमें फ्रीजिग फॉर्म में अल्कोहल है। जीरो से नीचे के तापमान पर आइस्क्रीम बनाने वाली मशीन के जरिये उन्होंने ये कमाल कर दिखाया है। अमेरिकन आइस्क्रीम आविष्कारक विल का आइस्क्रीम पार्लर है, लेकिन उन्होंने एक दिन सोचा कि क्यों न हाई कैफीन वाली आइस्क्रीम बनाई जाए। जब उन्हें इसमें कामयाबी मिल गई तो उन्होंने यही तकनीक अल्कोहल के साथ भी ट्राय की और बना डाली अनोखी आइस्क्रीम। उन्होंने इसके लिए काफी समय तक आइस्क्रीम गम्स और इसे सॉलिड करने वाले केमिकल्स का इस्तेमाल किया लेकिन उन्हें सफलता मिली एनईए जेल से। उन्होंने इसे पेटेंट भी करा लिया है।

कैसे बनी अल्कोहलिक आइस्क्रीम?

विल ने बताया कि एनईए जेल के जरिये ही उन्होंने अल्कोहल को फ्रीज़ करने में कामयाबी हासिल की। दरअसल जेल में अल्कोहल मिक्स होने के बाद वही आइस्क्रीम के तौर पर सामने आता है। वे बताते हैं कि पहले उन्होंने लिक्विड नाइट्रोजन के जरिये इसे फ्रीज करने की कोशिश की, लेकिन इस नई मशीन ने बेहतरीन रिजल्ट दिया और आइस्क्रीम कोन में डालकर खाने के लिए तैयार हो गई। रोजर्स बताते हैं कि मशीन कॉकटेल और स्पिरिट के टेक्सचर को थोड़ा बदल देती है। हालांकि इसके कंटेंट पर कोई असर नहीं पड़ता यानि आइस्क्रीम खाने का मतलब है उतना ही कंटेंट अल्कोहल का शरीर के अंदर जाना।

30 मिनट में हो जाती है तैयार

रोजर्स ने बताया कि 30 मिनट के अंदर आइस्क्रीम लिक्विड से फ्रीज फॉर्म में बनकर तैयार हो जाती है। जितना ज्यादा अल्कोहल कंटेंट होता है, आइस्क्रीम बनने में उतना ही ज्यादा वक्त भी लगता है। अमेरिकन आइस्क्रीम आविष्कारक का कहना है कि उन्होंने अपनी इस खास आइस्क्रीम को कई इवेंट्स में सर्व किया है और अब उनका प्लान है कि वे अपनी इस खास मशीन को बार्स में भी लगवाएंगे। मशीन की कीमत करीब 6 हजार अमेरिकन डॉलर रखी गई है। उनकी ये मशीन एफडीए से भी हरी झंडी पा चुकी है। वे खुद कहते हैं कि इसमें चूंकि दूध का इस्तेमाल नहीं होता, ऐसे में इसे आइस्क्रीम नहीं कहा जाना चाहिए, लेकिन कोई कुछ भी कह सकता है। बिलो जीरो को दुनिया की पहली अल्कोहलिक आइस्क्रीम नहीं कहा जा सकता है। इससे पहले भी 3 साल पहले बज पॉप कॉकटेल्स नाम से ताजे फलों और अल्कोहल से ऐसी ही आइस्क्रीम तैयार की जा चुकी है।