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Published: Mar 16, 2021 08:11 PM IST

Same Sex Marriageसमलैंगिक विवाह पर वेटिकन ने कहा- कैथोलिक पादरी ऐसे दंपतियों को नहीं दे सकते आशीर्वाद, नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं ने की आलोचना

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

कैनबरा: समलैंगिक विवाह (Same-Sex Marriage) को ईश्वरीय संरक्षण नहीं प्राप्त हो सकने के वेटिकन (Vatican) के बयान को मंगलवार को नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं और एशिया-प्रशांत क्षेत्र के कुछ हिस्सों के समलैंगिक कैथोलिक ईसाइयों (Catholic Christians) की आलोचना का सामना करना पड़ा। वेटिकन ने कहा था कि समलैंगिक विवाह को ईश्वरीय संरक्षण नहीं प्राप्त हो सकता है क्योंकि यह पाप है। कार्यकर्ताओं और समलैंगिक कैथोलिक ईसाइयों ने वेटिकन के बयान को असंगत एवं समकालिक सामुदायिक मानदंडों के दायरे से बाहर बताया है। 

न्यूजीलैंड की सांसद लुइसा वाल ने कहा कि वेटिकन के आर्थोडोक्सी कार्यालय से जारी किया गया बयान विवाह कानून पर पिछले साल पोप फ्रांसिस के समर्थन जताने से असंगत प्रतीत होता है। वाल ने अपने दक्षिणी प्रशांत देश में समलैंगिक विवाह को कानूनी रूप देने के लिए 2013 में एक विधायक लाया था। 

सांसद ने कहा, ‘‘इस घोषणा से आहत हुए कई समलैंगिक कैथोलिकों के मैं साथ हूं और उम्मीद करती हूं कि उनके गिरिजाघर के पादरी उनका समर्थन करेंगे।” आस्ट्रेलिया में समलैंगिक विवाह के हिमायती रोडनी क्रूम ने वेटिकन पर अपने ही कदम से पीछे हटने का आरोप लगाया। क्रूम, न्याय एवं समानता समर्थक संगठन जस्ट डॉट इक्वल के प्रवक्ता हैं।

आस्ट्रेलिया में कुछ साल पहले समलैंगिक विवाह को कानूनी रूप दिया गया था। इस सिलसिले में 2017 में हुए आस्ट्रेलियाई डाक मतदान में 62 प्रतिशत मतदाताओं ने इसका समर्थन किया था। क्रूम ने कहा, ‘‘यदि मुझे पोप को सीधे तौर पर संबोधित करने दिया जाए, तो मैं कहना चाहुंगा कि समलैंगिक संबंध कोई पाप नहीं है, बल्कि वे लोग पापी हैं जिन्होंने समलैंगिकों को समाज के हाशिये पर धकेल दिया।”

एशिया की सबसे बड़ी कैथोलिक आबादी वाले देश फिलिपीन में समलैंगिक संबंध अधिकार नेता डेंटन रेमोटो ने कहा, ‘‘हमे इस विषय पर इस चर्च से और अधिक बयान की जरूरत है।”