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Published: Jun 26, 2020 02:27 PM IST

आसियान सम्मेलनआसियान डिजिटल सम्मेलन में वायरस कोष, दक्षिण चीन सागर संघर्ष रहेंगे मुख्य मुद्दे

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

हनोई. दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के नेता शुक्रवार को वीडियो के माध्यम से वार्षिक शिखर सम्मेलन का आयोजन कर कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण उत्पन्न हुए विशाल संकट को दूर करने के प्रति एकुजटता दिखाएंगे और क्षेत्रीय आपदा कोष पर चर्चा करेंगे। लंबे समय से चले आ रहे दक्षिण चीन सागर संघर्ष भी इस शिखर सम्मेलन में चर्चा का एक प्रमुख विषय रहेगा। क्षेत्रीय यात्रा प्रतिबंधों एवं स्वास्थ्य जोखिमों के चलते ‘दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन’ (आसियान) के नेता ऑनलाइन संपर्क करेंगे। आसियान के वर्तमान अध्यक्ष, वियतनाम ने आमने-सामने की बैठकों की योजना बनाई थी लेकिन अधिकतर सदस्य राष्ट्रों ने पाया कि नेताओं के लिए यात्रा करना अब भी जोखिम से भरा हुआ है।

वैश्विक महामारी ने दक्षिणपूर्वी एशियाई राष्ट्रों को अलग-अलग स्तर पर प्रभावित किया है जहां सबसे अधिक प्रभावित इंडोनेशिया में 2,600 लोगों की मौत के साथ 50,000 लोग संक्रमित हुए और छोटे से समाजवादी देश लाओस में महज 19 मामले सामने आए। बहरहाल, 6.5 करोड़ की आबादी वाला यह विविधतापूर्ण क्षेत्र एशिया में कोविड-19 का हॉटस्पॉट रहा जहां कुल मिलाकर 1,38,000 से अधिक मामले सामने आए थे जिसने प्रकोप की शुरुआत में संक्रमण के लिहाज से चीन को भी पीछे छोड़ दिया था। कोविड-19 का आर्थिक प्रभाव भी गंभीर रहा है। सिंगापुर, इंडोनेशिया, थाईलैंड और मलेशिया समेत आसियान की अग्रणी अर्थव्यस्थाएं दशकों की सबसे बुरी आर्थिक मंदी का सामना कर रही हैं।

वियतनाम ने शुक्रवार की शिखर वार्ता के बाद आसियान राष्ट्रों की तरफ से शुक्रवार को जारी की जाने वाली मसौदा विज्ञप्ति में कहा, “हम क्षेत्र में और विश्व पर कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण आई अभूतपूर्व चुनौतियों एवं इसकी कीमत को पहचानते हैं।” इसमें कहा गया, “हम मानवीय और सामाजिक आर्थिक स्थिति पर कोविड-19 के कारण पड़ी चुनौतियों एवं कीमतों को समझते हैं और उन लक्षित नीतियों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो यह विश्वास जगाए कि आसियान इस नाजुक संघर्ष से अग्रिम मोर्चे पर लोहा लेने के लिए तैयार है।” उच्च प्रथामिकता वाली परियोजना के तहत आसियान कोविड-19 प्रतिक्रिया कोष स्थापित किया जाएगा जिसका प्रयोग चिकित्सीय आपूर्ति एवं सुरक्षात्मक उपकरणों की खरीद में सदस्य राष्ट्रों की मदद में किया जाएगा।(एजेंसी)