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Published: Sep 01, 2021 04:13 PM IST

World Coconut Day 2021क्यों मनाया जाता है विश्व नारियल दिवस? जानें इसके फायदे

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

-सीमा कुमारी

सनातन हिन्दू धर्म में नारियल का बड़ा महत्व है। किसी भी कार्य को आरंभ करने से पहले नारियल फोड़कर भगवान को चढ़ाना बहुत शुभ होता है। पूजन की सामग्री में नारियल का अहम रोल होता है और नारियल के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।

मान्यताओं के मुताबिक, भगवान को नारियल चढ़ाने से जातक के दुःख-दर्द दूर होते हैं और धन एवं शांति की प्राप्ति होती है। प्रसाद के रूप में मिले नारियल को खाने से शरीर की दुर्बलता दूर होती है। इसलिए अधिकतर मंदिरों में नारियल फोड़ने या चढ़ाने की प्रथा है। नारियल के महत्व को ध्यान में रखते हुए हर साल 2 स‍ितंबर को समूची दुनिया में ‘विश्व नारियल दिवस’ (World Coconut Day) मनाया जाता है।

‘विश्व नारियल दिवस’ मनाने का मुख्य उद्देश्य  नारियल की खेती और उत्पादकता को बढ़ावा देना है। इस दिन की शुरुआत एशियाई और प्रशांत नारियल समुदाय द्वारा की गई थी।  वर्तमान में 18 देशों के सदस्य एक अंतर-सरकारी संगठन के रूप में काम कर रहा है। जिसमें भारत भी इसका सदस्य है। एशिया-प्रशांत नारियल समुदाय का मुख्‍यालय इंडो‍नेशिया के जकार्ता में है। आइए जानें ‘World Coconut Day’ का इतिहास और इससे होने वाले फायदों के बारे में –

विश्व नारियल दिवस का इतिहास

साल 2009 में पहली बार ‘विश्व नारियल दिवस’ (World Coconut Day) मनाया गया था। इस विशेष दिन को एशियाई और प्रशांत नारियल समुदाय ने बड़े उत्साह के साथ मनाया था। इसे  मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि विश्व स्तर पर नारियल की खेती के प्रति लोगों को जागरूक किया जा सके। इसके साथ ही नारियल उद्योग को बढ़ावा मिल सके। जानकारों के मुताबिक, विश्व में सबसे अधिक नारियल का उत्पादन इंडोनेशिया में होता है।

नारियल की खेती एक लोकप्रिय वृक्षारोपण है और दुनियाभर में 90 से अधिक देशों में उगाया जाता है। वैसे तो नारियल का पौधा लगाना काफी मुश्किल है लेकिन, एक बार लगाने के बाद यह काफी फायदेमंद साबित होता है, क्योंकि पूरे साल नारियल की फसल लगाई जाती है। नारियल का सालाना विश्व उत्पादन लगभग 55 मिलियन टन है। इंडोनेशिया और फिलीपींस दुनिया में नारियल के फलों के प्रमुख उत्पादक है।

हेल्थ को मिलने वाले फायदे