अमरावती. कोरोना महामारी के चलते शालेय शिक्षा शुरू करने में बाधाएं आ रही है. लेकिन मौजूदा परिस्थिति का सामना कर शिक्षा शुरू करने का निर्णय लिया गया है. शालेय शिक्षा राज्यमंत्री बच्चू कडू के अनुसार प्रायोगिक तौर पर 10वीं व 12वीं के क्लास 5 अगस्त से प्रत्यक्ष पद्धति से शुरू किए जाएंगे. जबकि 21 जुलाई से 5वीं के क्लास ऑनलाइन पद्धति से शुरू किए जाएंगे. इस संदर्भ में गुरुवार को जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्था में राज्यमंत्री कडू की अध्यक्षता में हुई बैठक में उपसंचालक अंबादास पेंदोर, जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्था के प्राचार्य रवींद्र आंबेकर समेत पांचों जिलों के शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे.
प्रत्येक तहसील में एक शाला
कडू ने कहा कि निजी शालाओं में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की गई है, जिससे निजी व सरकारी शालाओं के छात्रों में शैक्षणिक विषमता बढ़ेगी, जिसके उपाय के तौर पर शिक्षा विभाग की शालाएं भी शुरू करना आवश्यक है, इस लिए पहले चरण में यह निर्णय लिया गया, जिसके तहत प्रत्येक तहसील में एक शाला शुरू करने का नियोजन करने के निर्देश दिए गए.
कक्षा 1, 2 की ऑनलाइन शिक्षा पर रोक
सरकार ने पहली व दूसरी कक्षा के छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा पर पाबंदी लगाई है. प्रत्यक्ष शिक्षा पद्धति अन्य सभी विकल्पों में प्रभावी है. संभाग में लगभग 1.19 लाख छात्रों के पास ऑनलाइन शिक्षा की सुविधा नहीं है. ऐसे छात्रों तक ऑनलाइन शिक्षा किस प्रकार पहुंचायी जाए, इस बारे में भी प्रयास करना जरूरी है.
अन्यथा शालाओं पर फौजदारी कार्रवाई
केवल शुल्क वसूली करने के लिए अनेक शालाएं ऑनलाइल क्लास शुरू रख रहे है. ऐसी शालाओं पर कार्रवाई की जाएगी. हालांकि अब तक किसी शाला पर कार्रवाई नहीं की गई है. उसी प्रकार कुछ शालाएं छात्रों को किताबे लेने के लिए जबरदस्ती कर रही है. ऐसी शालाओं की शिकायत प्राप्त होने पर शाला प्रबंधन समेत शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर फौजदारी कार्रवाई करने की चेतावनी भी बच्चू कडू ने दी है.