लॉकडाउन में 285 जोड़े विवाहबद्ध, कोर्ट मैरिज को दे रहे प्राथमिकता

  • नियमों का पालन कर मनाया

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अमरावती. शादी का नाम सुनते ही दुल्हा- दुल्हन के कपड़े, गहने, शादी की तैयारियां, मेहंदी, हल्दी का कार्यक्रम, बैंड बाजा बारात, नाच- गाना आदि पल आंखों के सामने आ जाते है. लेकिन कोरोना लॉकडाउन के दौरान शादी समारोह का ही बैंड बज गया. जिसके चलते इच्छुक दुल्हा -दुल्हन को बगैर बैंड बाजे के ही शादी करनी पड़ी. इसलिए कोर्ट मैरेज करनेवालों के आंकड़ों में भी इस वर्ष बढ़ोतरी हुई है. छह माह के दौरान 285 जोड़े विवाहबध्द होने के आकंड़े सहायक उपनिबंधक विभाग द्वारा प्राप्त हुए है. विशेष बात यह है की अनलॉक के बावजूद भी अब शादियों की धूमधाम देखने नहीं मिल रही है. लाखों रुपये खर्च करने की बजाए युवक- युवतियां भी अब कोर्ट मैरेज को प्राथमिकता दे रहे है.

एक वर्ष में 729 विवाह

जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में स्थित सह दुय्यम निबंधक वर्ग 2 तथा विवाह अधिकारी कार्यालय में विवाह पंजीयन के लिए रिकार्ड़ तोड़ भीड़ दिखाई दे रही है. लॉकडाउन के दौरान कार्यालय बंद होने के बावजूद कई इच्छुकों ने ऑनलाइन पध्दति से पंजीयन कराया. जिसके अनुसार 11 माह में 729 वधु- वरों ने विवाह किया. जिसमें लॉकडाउन की अवधी में मार्च से सितंबर में 285 जोड़े विवाहबध्द हुए है. अप्रैल में 9, मई में 37, जून में 38, जुलाई में 74, अगस्त में 74, सितंबर में 53 और अक्टूबर में 71 तथा नवंबर के 18 दिनों में 36 विवाह हुए है.

शासन नियमों का पालन करना जिम्मेदारी

कोरोना के कारण पहले ही लोग परेशान हो चुके है. अधिकारी भी लगातार आह्वान कर रहे है ,इसलिए शासन नियमों का पालन करना भी लोगों का कर्तव्य और जिम्मेदारी है. इसी चलते कोर्ट मैरेज करने का तरीका लोगों ने अपनाया. कोरोना के कारण शादी में अधिक लोगों की भीड़ इकट्ठा न करते हुए केवल परिवार के लोगों के साथ ही सादगी पूर्ण तरीके से शादी समारोह संपन्न हुए. जिससे समय और पैसे की भी बचत होने से युवकों ने भी इसी मार्ग को अपनाने की मंशा नवविवाहित दुल्हा शशांक वाड़ेकर ने व्यक्त की.