3 बच्चों समेत 4 डूबे, शव लेने से इंकार

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धामणगांव रेलवे. तहसील के निंभोरा गांव के पास रविवार को प्रात: 6 बजे चंद्रभागा नदी में डूबकर 3 बच्चों और एक महिला की मौत हो जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. परिजनों ने समृध्दि महामार्ग की ठेका कंपनी एनसीसी को इस हादसे के लिये जिम्मेदार ठहराया है. चंद्रभागा नदी के कछार पर रेत के लिये कंपनी व्दारा नियमबाह्य गहरे गड्ढे खोदे जाने के कारण ही यह हादसा होने का आरोप लगाकर परिजनों ने एनसीसी कंपनी पर एफआयआर दर्ज करने तक शव लेने से साफ इंकार कर दिया है. जिससे पुलिस भी दुविधा में पड गई है. 

चंद्रभागा नदी पर हादसा 

अधिक मास होने से निंभोरा निवासी चवरे, झेले व मलिये परिवार के सदस्य गांव के निकट चंद्रभागा नदी में स्नान कर पूजा करने गए थे, लेकिन नदी की गहराई का अंदाजा नहीं होने से तीन बच्चें व तीन महिलाएं डूबने लगी. हालांकि शोर-सुनकर कूद पड़े कुछ ग्रामवासियों ने दो महिलाओं का बचा लिया.जबकि तीसरी महिला को भी बाहर निकाला गया, लेकिन अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही महिला की मौत हो गई. मृतकों में यश प्रमोद चवरे (11), जीवन प्रदीप चवरे (15), सोहम दिनेश झेले (12) व पुष्पा दिलीप चवरे (32) का सहभाग है. बेबी प्रदीप चवरे (35) व राधा गोपालराव मलिये (38) का यवतमाल शासकीय अस्पताल में इलाज चल रहा है.   

एनसीसी ने नियमबाह्य की खुदाई 

जीवन चवरे सेफला हाइस्कूल में कक्षा दसवीं का छात्र था. वह अपनी मां बेबी के साथ नदी पर स्नान करने गया था. बेबी की हालत भी गंभीर है. जलयुक्त शिवार योजना के तहत चंद्रभागा नदी का 3 मीटर तक गहराईकरण किया गया है. इसके बाद जिला प्रशासन ने ग्राम पंचायत के बगैर समृध्दि महामार्ग के लिये एनसीसी कंपनी को और 3 मीटर तक उत्खनन की अनुमति दी. लेकिन इस ठेका कंपनी ने 10 मीटर गहराई से अधिक उत्खनन कर अवैध रेत ढुलाई की. जिससे क्षेत्रवासियों ने जमकर इसका विरोध शुरु किया. रविवार को हुआ हादसा इसी ठेका कंपनी की मनमानी का नतीजा होने का आरोप ग्रामवासी कर रहे है. पानी की गहराई का अंदाजा नहीं होने से 3 बच्चों समेत 4 लोगों को जान गंवानी पड़ी. 

जांच के आदेश-अडसड 

समृध्दि महामार्ग के लिये गौण खनिज उत्खनन का भी ग्रामवासी लंबे समय से विरोध कर रहे है. लेकिन इसके बावजूद प्रशासन व्दारा ठेका कंपनी पर लगान नहीं कसी जा रही है. अब जब तक ठेका कंपनी पर मामला दर्ज नहीं होता, तब तक शव नहीं लेने की बात पूर्व सरपंच सुधाकर पांडे व जयंत बमनोटे ने स्पष्ट की. विधायक प्रताप अडसड ने मामले की जांच व मृतक के परिजनों को आर्थिक मदद देने के आदेश तहसील प्रशासन को दिए है. तनाव बढ़ता देख तहसीलदार भगवान कांबले, एसडीपीओ सोमनाथ तांबे, थानेदार ब्रम्हानंद शेलके घटना स्थल पर पहुंचे. परिजनों व ग्रामवासियों को समझाईश देने का प्रयास शाम तक चलता रहा.