चुनाव के लिए 5 करोड, विकास को ठेंगा, मनपा ने आनलाईन सभा पर फूकें 3.22 लाख

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    अमरावती. महानगरपालिका चुनावों की सुगबुगाहट से पदाधिकारी, पार्षदों व इच्छुकों ने अपनी तैयारिया शुरू कर दी है. चुनाव का खर्च मनपा को स्वयं ही करना पड़ता है. जिसके लिए मनपा ने 5 करोड़ रूपए का फंड का प्रावधान पहले से कर रखा है. जिससे चुनाव पर करोडों का खर्च करने वाली मनपा, शहर विकास के लिए भी ऐसे ही निधि का बंदोबस्त करने में क्यों नाकाम हो रही है, यह सवाल नागरिकों द्वारा उपस्थित किया जा रहा है. कोरोना के चलते मनपा की आमसभा में भी पूर्ण कामकाज नहीं हो रहा है.

    लेकिन हर माह आनलाईन आमसभा के सेट अप पर भी प्रतिमाह 50 हजार रूपए का खर्च मनपा कर रही है. लेकिन जब-जब विकास कार्यों के लिए निधि की बात आती है तब-तब केवल फंड के अभाव का रोना रोया जाता है. जिससे मनपा के दांत दिखाने के अलग और खाने के अलग रहने का आरोप लगाया जा रहा है. शहर में ठप पड़े विकास का हाल भी उसी और इशारा कर रहे है.

    कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट लटके

    मनपा की हर आमसभा में शहर विकास को गति देने का दावा जोरो-शोरों से किया जाता है. लेकिन शहर के विकास को चार चांद साबित होने वाले कई महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट सालों से लटके है. भूमिगत गटर योजना, मल शुध्दिकरण प्रोजेक्ट, घन कचरा प्रबंधन प्रकल्प, अमृत जलापूर्ति योजना, फिशरिज हब, राजापेठ अंडर पास तथा अप्रोच रोड का निर्माण, सिटी असेसमेंट, व्यापारी संकूलों का किराया निर्धारण, मूलभूत सेवा सुविधाओं का विकास व वार्ड विकास ऐसे कई महत्वपूर्ण प्रकल्पों को पूरा करने में मनपा प्रशासन नाकाम रहा है. परिणामस्वरुप सारे प्रोजेक्ट पूर्ण कब होंगे इसका जवाब देने में ना अधिकारी सक्षम है, ना पदाधिकारी.

    चुनावी साल में दिखावे की सक्रियता 

    मनपा चुनाव 6 माह पर है. अंतिम व चुनाव पूर्व कार्यकाल होने से जन प्रतिनिधियों को विकास व जन समस्याएं याद आना शुरू हो गया है. इसिके तहत आमसभा में विकास निधि को लेकर महापौर व निगमायुक्त को घेरना, प्रभाग समस्याओं को लेकर निवेदन, मोर्चे, आंदोलन का सिलसिला भी आरंभ हो गया है. उल्लेखनिय है कि पब्लिक भी सबका तमाशा देख रही है और अधिकांश लोग जन प्रतिनिधियों की इस उठा-पटक को चुनाव पूर्व दिखावेबाजी करार दे रहे है.