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    अमरावती. नांदगांव पेठ रतन इंडिया के कुशल अकुशल सभी कर्मियों को न्यूनतम वेतन कानून के अनुसार वेतन बढ़ोतरी देना अनिवार्य है. कर्मियों द्वारा की गई शिकायतों का निपटारा 8 दिनों के भीतर करने के साथ ही 5 सदस्य समिति जांच के लिए नियुक्त करने के आदेश दिए. 8 दिनों के भीतर यदि कर्मियों की समस्याओं का निपटारा नहीं हुआ तो कंपनी के खिलाफ एक्शन लेने की चेतावनी भी कंपनी के अधिकारियों को राज्यमंत्री बच्चू कडू ने दी. 

    कंपनी में होती है जबरन वेतन कटौती

    जलसंपदा विभाग के सभागृह में रतन इंडिया पावर प्लांट कंपनी के कर्मियों की समस्या छुड़ाने के लिए बैठक आयोजित की गई.  इस बैठक में जिला कामगार अधिकारी अनिल काले, कंपनी के व्यवस्थापक कर्नल लोकेश सिंह व कामगार संगठन के पदाधिकारी उपस्थित थे. इस समय कर्मियों ने अपनी शिकायतों का ढेर राज्यमंत्री के सामने रखा. कर्मियों ने बताया कि गत् 11 वर्षों से कर्मचारी केवल किमान वेतन के अनुसार ही काम कर रहे हैं. वेतन बढ़ोतरी नहीं होने से 8 से 9000 रुपए में गुजारा करना मुश्किल हो रहा है.

    इतना ही नहीं तो कंपनी को साल की छुट्टियां रहने के बावजूद उसका इस्तेमाल ना करते हुए जबरन वेतन कटौती की जाती है. जिसस बचा कूचा वेतन भी कटनी में निकल जाता है. बढ़ती महंगाई के कारण परिवार चलाना मुश्किल हो गया है. जिस पर राज्यमंत्री बच्चू कडू ने श्रम विभाग को 5 सदस्यों की जांच समिति स्थापन करने, वेतन व भविष्य निर्वाह निधि,  3 वर्षों में वेतन बढ़ोतरी, वेतन कटौती के सभी रिकॉर्ड का आडिट कर 8 दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश कंपनी प्रशासन को दिए.