अमरावती. जिले में झमाझम बारिश के साथ ही किसानों ने बुआई के कार्य आरंभ कर दिये. मृग नक्षत्र से शुरू हुई बारिश के कारण जुलाई माह के दूसरे सप्ताह में ही इस वर्ष बुआई 90 प्रतिशत तक निपट चुकी है. संभाग की बात करें तो यवतमाल में बुआई सर्वाधिक 95 फीसदी तथा अकोला में सबसे कम 61 फीसदी निपट चुकी है. जबकि अन्य 4 तहसीलों में भी बुआई का प्रतिशत 90 से अधिक है.
कपास की रिकार्ड तोड़ बुआई
कृषि विभाग ने इस वर्ष कपास की बजाए दलहन व तिलहन पर जोर देने की मांग की थी. इसलिए कपास का क्षेत्र भी गत वर्ष की तुलना में कम आंका गया, बावजूद इसके विभाग द्वारा आंके गये क्षेत्र से अधिक कपास की बुआई की गई. संभाग में 101 फीसदी कपास की बुआई हो चुकी है, जिसमें संभाग के पांचों तहसीलों में शतप्रतिशत कपास की बुआई हो चुकी है. उसकी तुलना में सोयाबीन का क्षेत्र अधिक होने से सोयाबीन का बुआई प्रतिशत 88 फीसदी पर पहुंच गया. तुअर की बुआई 87, मूंग 72, उड़द 76 के साथ ही चावल की भी 72 फीसदी बुआई हुई है. जबकि ज्वार की 44 फीसदी बुआई निपटी है. मके का क्षेत्र भी इस वर्ष शतप्रतिशत पूर्ण हो चुका है. कृषि विभाग द्वारा आंके गये अनुमान से अधिक 114 फीसदी मके की बुआई की गई है.
जिलानिहाय बुआई की स्थिति
जिला बुआई क्षेत्र (हे.) प्रतिशत
बुलढ़ाना 6,672.47 91
अकोला 3,324.39 61
वाशिम 3,756.90 93
अमरावती 6,496.11 94
यवतमाल 8,682.22 95