आरोप झुठे व बेबुनियाद, सभी तरह की जांच के लिए तैयार- सीएस

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    अमरावती. जिला शल्य चिकित्साक डा.शामसुंदर निगम ने कहा कि 100 करोड़ का घोटाला, रेमडेसिविर इंजेक्शन तथा डा.अमित से संबंधित सभी प्रकार के आरोप झुठे व बेबुनियाद है. इन सभी आरोपों की जांच के लिए वह खुले तौर पर तैयार है. उन्होंने नियमित व पारदर्शक तरीके से सेवा दी है. उन्होंने बताया कि वह वर्ष 2013 से 2016 के बीच सुपर स्पेशालिटी अस्पताल में वैद्यकिय अधीक्षक पद पर कार्यरत थे.

    उन्होंने माह अगस्त 2017 से जिला शल्य चिकित्साक पद पर कार्यरत हुए. इस दौरान सुपर स्पेशालिटी में अलग-अलग लेखाशिर्ष के तहत सरकार से 93,67,49,572 की निधि प्राप्त हुई. इसी तरह जिला अस्पताल में वर्ष 2017 से मार्च 2021 तक 59,65,12,000 रुपए की निधि उपलब्ध हुई. यह सभी रकम प्रत्येक्ष सीएमपी प्रणाली से संबंधित खाते में जमा होती है. तो 100 करोड़ का कैसे घोटाला किया जा सकता है

    पुलिस कर रही जांच

    रेमडेसिविर इंजेक्शन की डीमांड के तहत नियमित आपूर्ति की गई. जिसके बारे में दवाई भंडार में हिसाब-किताब है. तिवसा के ग्रामीण अस्पताल में अनियमितता मिली है. जिसकी जांच पुलिस कर रही है. उन्होंने कहा कि डा.अमीत निकम ने एमबीबीएस की पढ़ाई वर्ष 2017 में पूर्ण की है. जिसके बाद 30 सितंबर 2017 से 29 सितंबर 2019 तक डीवीडी (चर्मरोग) का अभ्यासक्रम पुरा किया.

    1 नवंबर 2019 से डा.अमीत निकम तिवसा में वैद्यकिय अधिकारी (एनसीडी) पद पर कार्यरत हुए. इसीलिए शिक्षण लेते समय नियमबाहय नौकरी देने का आरोप भी बेबुनियाद है. इन सभी आरोपों से संबंधित कागजात भी सीएस निगम ने पेश किये. उन्होंने कहा कि अगर सरकार चाहे तो वह अपनी सेवा जारी रखेगे, अन्यथा 31 मई को सेवानिवृत्ती लेना तय है.