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अमरावती. शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र चुनाव महज 10 दिनों की दूरी पर है. शिक्षक विधायक बनने के इच्छुक उम्मीदवार प्रचार में व्यस्त हैं. शिक्षकों की सभी समस्याओं के लिए प्रयास करने का दावा सभी प्रत्याशी कर रहे हैं. पुरानी पेंशन योजना हो, गैर अनुदानित शिक्षकों की व्यथा हो या वर्षों से प्रलंबित विभिन्न समस्या हो, इन सभी का हल निकालने मैदान में उतरने की बात सभी उम्मीदवार कर रहे हैं.

शिक्षकों के लिए सदैव तत्पर

संभाग के हर शिक्षक के लिए सदैव तत्पर रहा हूं. शिक्षक विधायक होने के नाते शिक्षकों की प्रत्येक समस्या पर विधान परिषद में आवाज बुलंद करता रहा हूं. 71 दिवसीय आंदोलन करनेवाले प्राध्यापकों के लिए सदन में आक्रमक होने के कारण ही शासन ने राहत प्रदान की. महाविकास आघाड़ी सरकार मेरे साथ है.

-प्रा. श्रीकांत देशपांडे, मविकां प्रत्याशी

लंबित समस्याओं के लिए लड़ेंगे

शिक्षकों की अनेक समस्याएं वर्षों से लंबित हैं. लेकिन शिक्षकों को मजबूत नेतृत्व नहीं मिलने से यह समस्याएं आज भी प्रलंबित हैं. गैर अनुदानित शिक्षकों को अनुदानित कराना, पुरानी पेंशन योजना पुन: लागू कराना, शिक्षकों के लिए वैद्यकीय सेवा लागू कराने समेत इन प्रलंबित समस्याओं का निराकरण निश्चित ही किया जाएगा. भविष्य में भी शिक्षकों को अधिक सुविधा मुहैया कराने के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम किया जाएगा.- डा. नितिन धांडे, भाजपा प्रत्याशी

दिलवाएंगे कैशलेश वैद्यकीय सुविधा

पुरानी पेंशन योजना, शिक्षक सेवा नीति रद्द करने, संच मान्यता स्थानीय स्तर पर कराने के साथ मनपा, नपा के शिक्षकों को कैशलेस वैद्यकीय सुविधा उपलब्ध कराने की कोशिश की जाएगी. पिछले 12-13 वर्षों से शिक्षकों के लिये जमीन-आसमान एक कर रहा हूं. -शेखर भोयर, निर्दलीय

जस की तस हैं समस्याएं

शिक्षकों की समस्याएं जस की तस हैं. उन्हें सुलझाने का प्रमुख एजेंडा हैं. गैर अनुदानित शिक्षकों को अनुदानित कराना, पुरानी पेंशन योजना पुन: लागू कराना, प्रचलित नियमानुसार अनुदान, सेट नेट प्राध्यापकों को 3 इनक्रीमेंट लागू करना, बंद हुई वरिष्ठ वेतन श्रेणी व चयन श्रेणी शुरू करने प्रयास किया जाएगा.- संगीता शिंदे, निर्दलीय