अमरावती. विश्व एड्स दिवस प्रति वर्ष 1 दिसम्बर को पूरी दुनिया में लोगों को एड्स (एक्वायर्ड इम्युनो डेफिशियेंसी सिंड्रोम) के बारे में जागरुक करने के लिये मनाया जाता है. एड्स ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी (एचआईवी) वायरस के संक्रमण के कारण होने वाला महामारी का रोग है. यह दिन सरकारी संगठनों, गैर सरकारी संगठनों, नागरिक समाज और अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा एड्स से संबंधित भाषण या सार्वजनिक बैठकों में चर्चा का आयोजन करके मनाया जाता है. हालांकि इस वर्ष शहर में कोरोना के चलते जनजागरण रैली का आयोजन नहीं किया गया. लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिला कार्यक्रम अधिकारी डा.अजय साखरे के अनुसार जिले में जिले में लगभग 6746 आम नागरिक तथा 508 गर्भवति एचआयवी से संक्रमित है. जिनका इलाज जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में चल रहा है. बिते 13 साल के वर्षनिहाय आंकड़ों के मुताबिक एचआइवी संक्रमितों में कमी आयी है.
बिते 5 वर्षों में 375 का औसत
वर्ष 2007-08 में 543 संक्रमित पाए गए थे. उसके बाद प्रति वर्ष यह आंकड़ा बढ़ता चला गया. बिते 13 वर्षों में सर्वाधिक 741 मरीज वर्ष 2010-11 तथा 2012-13 में पाए गए. इसके बाद संक्रमितों में लगातार कमी आयी. हालांकि वर्ष 2019-20 में 390 पॉजिटिव पाए गए. लेकिन बिते 5 वर्षों में मरीजों का औसत 375 रहा. जारी वर्ष 2020-21 में अक्टूबर तक 90 मरीज मिले है.
हर व्यक्ति कराएं जांच
जिले में लगभग 6746 आम नागरिक तथा 508 गर्भवति एचआयवी से संक्रमित है. इनमें से लगभग 5 हजार मरीजों का जिनका इलाज जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में चल रहा है. प्रत्येक व्यक्ति ने एचआइवी जांच करानी चाहिए. ताकि समय रहते उचित इलाज कराया जा सके.
डा.अजय साखरे, जिला कार्यक्रम अधिकारी
हर गर्भवति भी करें टेस्ट
प्रत्येक गर्भवति व सामान्य नागरिक ने एचआइवी टेस्ट करानी चाहिए. यह सभी की सामायीक जिम्मेदारी है. इससे संक्रमण रोकने में मदद होगी.
डा.श्यामसुंदर निकम, जिला शल्य चिकित्सक
वर्ष निहाय एचआइवी संक्रमितों की संख्या
वर्ष आम नागरिक गर्भवति
2007-08 543 86
2008-09 560 81
2009-10 610 42
2010-11 741 64
2011-12 685 58
2012-13 741 33
2013-14 457 32
2014-15 442 24
2015-16 390 16
2016-17 381 24
2017-18 388 17
2018-19 328 11
2019-20 390 17
2020-2190 (अब तक)03 (अब तक)
कुल 6746 508