फंड के अभाव में थमा एयरपोर्ट – इमारत के लिए नहीं मिले 39 करोड़

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  • रनवे के फाइनल के लिए 9 करोड़ अटके 
  • 6 माह की डेडलाइन के हो गए वांदे 

अमरावती. बहुप्रतिक्षित बेलोरा एयरपोर्ट से कब टेकआफ होगा. यह अमरावती जिला वासियों के लिये एक दिव्य सपना बनकर ही रह गया है. हालांकि पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर ने 31 अगस्त 2020 को समीक्षा बैठक लेकर अगले 6 माह की डेडलाइन फिक्स की थी. इस हिसाब से देखा जाए तो साड़े 4 माह निकल गए. अब डेढ माह में यह डेडलाइन कैसे पूरी होंगी? क्योंकि एयरपोर्ट के लिए प्रस्तावित 12 हजार स्केयर फीट क्षेत्र में विस्तारित प्रशासकीय बिल्डिंग के लिए राज्य सरकार से मार्च-अप्रैल 2020 में अपेक्षित 39 करोड़ की निधि अभी तक नहीं मिल पाई है.  

रनवे पर सिल्ककोट बाकी 

रनवे बनाने वाली कंपनी एआइसी इन्फ्रा द्वारा रनवे का काम लगभग पूर्ण हो चुका है. लेकिन उसके किए गए काम में से केवल 3 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया गया, इसलिए उसने काम बंद कर दिया है. जिस वजह से रनवे पर आखिरी लेयर (सिल्ककोट) का काम कई महीनों से लंबित हैं. रनवे को पूरा करने के लिए लगभग 9 करोड़ की निधि राज्य सरकार से आवश्यक है.

हालांकि महाराष्ट्र विमान प्राधिकरण की अधीक्षक अभियंता रजनी लोणारे ने 31 अगस्त 2020 की समीक्षा बैठक में रनवे का काम दिसंबर 2020 अंत तक निपटाने का भरोसा दिलाया था, लेकिन निधि नहीं मिल पाने से इस लक्ष्य पर पानी फेर दिया. नवंबर 2020 में रजनी लोणारे का तबादला हो गया. उनकी जगह आरटी खोडकुंभे नियुक्त हुए हैं.   

इमारत, टावर का वर्क आर्डर नहीं 

महाराष्ट्र एयरपोर्ट डेवलपमेंट कंपनी (एमएडीसी) ने एटीसी टॉवर, प्रशासकीय इमारत, टर्मिनल भवन आदि के लिए 39 करोड़ की निविदा प्रक्रिया पूरी की है. लेकिन निधि की कमी के कारण पिछले कुछ महीनों से वर्क आर्डर नहीं दिए गए है. यह पूर्ण होने के बाद ही एयरपोर्ट से पूरी यात्री क्षमता से उड़ानें शुरू की जा सकेगी. 

राज्य में एक अकेला संभागीय मुख्यालय 

महाराष्ट्र के 6 संभागीय मुख्यालयों में अमरावती एकमात्र संभागीय मुख्यालय है, जहां एयरपोर्ट की सुविधा उपलब्ध नहीं है. 13 जुलाई, 2019 को महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने 32 करोड़ रुपये के विस्तार कार्य की आधारशिला रखी और इस तरह से काम का नियोजन किया कि दिसंबर 2020 तक हवाई अड्डा पूरी तरह से सुचारु हो जाए. लेकिन पिछले वर्ष से अब तक कोई निधि उपलब्ध नहीं होने से पूरा काम ठप है. 

बीरबल की खिचड़ी बना 

बेलोरा एयरपोर्ट विस्तारीकरण का काम बिरबल की खिचड़ी बनकर रह गया है. जो सालो-साल पूरा नहीं हो पा रहा है. जबकि नागपुर के बाद सर्वाधिक महत्वपूर्ण अमरावती जिला में उद्योगों को पंख लगाने के लिए बेलोरा एयरपोर्ट से टेकऑफ अत्यावश्यक है. लेकिन कभी फंड तो कभी तकनीकी दिक्कतों ने टेकऑफ का सपना केवल राजनीतिक सब्जबाग बनकर रह गया है. जबकि शिर्डी  एयरपोर्ट बाद में काम शुरू हो जाने पर भी शुरू हो गया. बेलोरा एयरपोर्ट वही का वही है. सभी को एकजुट होकर एयरपोर्ट को जल्द से जल्द पूरा करने जुटना होगा. 

कितना निपटा काम, कितना बाकी 

  • बडनेरा-यवतमाल मोड मार्ग का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. एयरपोर्ट पर 1 लाख मीटर की क्षमता वाली भूमिगत जीएसआर (पानी) की व्यवस्था की गई है. सुरक्षा दीवार का 15 मीटर लंबाई का काम पूरा हो गया है. 
  • एटीआर 72-500 कोड सी-3 प्लेन तत्काल उड़ान भर सके. इसके लिये साडे 7 किलो मीटर तक की सुरक्षा दीवार का काम निपट गया है. बकाया दूसरे चरण का 60 प्रतिशत काम पूरा हो गया है. यह लंबित कार्य जल्द से जल्द पूर्ण करने के निर्देश पालकमंत्री ने 31 अगस्त को दिए थे. 
  • रनवे विस्तारीकरण, टैक्सी-वे, एपरान, आयसोलेशन-वे, परेपेरल रोड, जीएससी एरिया, स्वच्छता यंत्रणा का 70 प्रतिशत काम पूरा हो गया है. दिसंबर तक यह काम शत-प्रतिशत पूरे होंगे. लेकिन प्रशासकीय इमारत का काम निधि के अभाव में आगे नहीं बढ़ पा रहा है.