Beating back to cotton farmers, arbitrary grief over ginning

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अमरावती. जिनिंग प्रेसिंग से फोन पर सूचना मिलने से किसानों ने कपास से भरी गाड़ियां गुरुवार को बडनेरा रोड स्थित मंत्री जिनिंग पर लाई, लेकिन कपास की क्वालिटी खराब होने का कारण बताकर जिनिंग प्रेसिंग ने कपास खरीदने से साफ इंकार कर दिया. जिनिंग में बुलाकर अब खरीदने से इंकार कर रहे है, जिससे ठगा-सा महसूस कर रहे किसानों ने न्याय के लिये जिला प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन प्रशासन द्वारा कोई सुध नहीं लिये जाने से आखिरकार किसानों को अपना कपास वापस घर ले जाने की नौबत का सामना करना पड़ा.

जिनिंग से आया फोन 
किसानों ने कपास तौलाई के लिए 2 माह पहले से ही पंजीयन किया था. लेकिन कपास तौलाई नहीं हुई. मोगरा समेत आस-पड़ोस के किसानों को सिपना कालेज के पास स्थित मंत्री जिनिंग से फोन आया. इसलिए किसानों ने गुरुवार की सुबह कपास की गाड़ियां भरकर जिनिंग में लायी. उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व जिनिंग के कर्मचारियों ने घर जाकर कपास को देखकर फोटो निकाले और जब कपास जिनिंग पर लाया तो अधिक समय से घर पर ही रखने से हीट हो जाने का कारण बताकर खरीदने से इंकार कर दिया.

आर्थिक व मानसिक रूप से टूटे किसान 
जिनिंग द्वारा बैरंग लौटाने की बात सुनकर इस संदर्भ में जिला प्रशासन व उपनिबंधक से भी फोन पर चर्चा की. किंतु प्रशासन ने किसानों की सुध नही ली. प्रत्येक किसान ने 40 से 50 क्विंटल कपास बेचने के लिए लाया था. सुबह 7 बजे से ही भूखे प्यासे किसान घर से निकले. टैक्टर के लिए पेट्रोल डीजल, बैलों को चारा और गाड़ी भरने के लिए पैसे देने पड़े, लेकिन सभी व्यर्थ हो गया. परिणामत: किसान मानसिक व आर्थिक रूप से टूट चूके है. इस संदर्भ में किसानों ने जिला प्रशासन के खिलाफ राज्य सरकार को कड़ी से कड़ी कारवाई करनी चाहिए, ऐसी मांग की है.