Independents have become a standstill, a blow to those who want to fight independently from the tri-member division

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अमरावती. महानगरपालिका में आये दिन कुछ न कुछ बदलाव हो रहे हैं.   वैद्यकीय अधिकारी डा. विशाल काले ने एक और बदलाव किया है. नागरिकों को वितरित किये जाने वाले जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र में एमओएच के हस्ताक्षर ही बदल दिये जाने से मनपा में हड़कंप मच गया है.

दूसरे वैद्यकीय अधिकारी राजुरकर के हस्ताक्षर जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र पर दर्ज करने से यह मामला विधि अधिकारी तक पहुंच गया है. हालांकि राजुरकर ने भी इस संदर्भ में निगमायुक्त से आपत्ति जतायी है. अधिकारियों के अधिकार के बीच हुए इस झगड़े का खामियाजा नागरिकों को भुगतना पड़ेगा. यह निश्चित है.

अधिकार नहीं, फिर भी कार्रवाई

मनपा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले नागरिकों को जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए मनपा के मुख्य कार्यालय में ही आना पड़ता है. यदि जोन निहाय प्रमाणपत्र वितरित किये जाते है, तो यह अधिकार सहायक क्षेत्रीय अधिकारी को होंगे, लेकिन वैद्यकीय अधिकारी डा. काले ने बगैर वरिष्ठों से पूछ हस्ताक्षर के अधिकार वैद्यकीय अधिकारी डा. विक्रांत राजुरकर को दिये.

विशेष बात यह है कि एमओएच को अधिकार नहीं है. बावजूद इसके कार्रवाई की गई. जानकारी के अनुसार राजुरकर के इंकार करने के बावजूद उन्होंने डिजिटल हस्ताक्षर वाले प्रमाणपत्र भी वितरित किये. मनपा में रोजाना 80 से 90 जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र का वितरण होता है. जिसके चलते अब नागरिकों को दुबारा प्रमाणपत्र लाने विवश होना पड़ेगा.

निगमायुक्त के पास पहुंचा मामला

राजुरकर व्दारा हस्ताक्षर का विरोध किए  जाने के चलते उन्होंने पहले इस मामले की शिकायत विधि अधिकारी से की. विधि अधिकारी ने भी एमओएच को इसके अधिकार नहीं होने का कारण बताया. इसलिए अब यह मामला निगमायुक्त के पास पहुंच गया है. दो वैद्यकीय अधिकारी के बीच अधिकार की इस लड़ाई में लोग ही परेशान होने वाले है.

अब सवाल यह है कि लोगों को बांटे गये प्रमाणपत्र को बदलने तथा उन तक पहुंचने के लिए भी मनपा क्या उपाय योजना करेगी, या फिर उन लोगों के प्रमाणपत्र वैसे ही स्वीकार किये जायेंगे. क्योंकि जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र के उपनिबंधक का अधिकार केवल वैद्यकीय अधिकारी का ही होता है.

निगमायुक्त से पूछना पड़ेगा

वैद्यकीय अधिकारी के ही जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र पर हस्ताक्षर होना जरूरी है. मैंने समझाने का प्रयास किया, लेकिन नागपुर की तर्ज पर इस तरह के अधिकार दिये जाने की बात कहकर डिजिटल हस्ताक्षर ले लिए. इस संदर्भ में विधि अधिकारी से जबाव तलब किया है. साथ ही निगमायुक्त से भी इसकी जानकारी दी जायेगी.-डा. विक्रांत राजुरकर, वैद्यकीय अधिकारी

फोन पर संपर्क नहीं

इस संदर्भ में पूछताछ करने जब डा. विशाल काले से संपर्क किया गया तो मीटिंग में होने की जानकारी देकर फोन काट दिया.