अमरावती. महानगरपालिका में गत 3 वर्षों से विकास का जोर शोर से डंका बजा रही भाजपा पूरी तरह से फेल हो चुकी है. विकास कार्य की ओर तो दूर जनसुविधा के नाम पर भी केवल झुनझुना बजाने तक ही सीमित रही है. जनता बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही है. लेकिन यहां केवल भ्रष्टाचार ही उजागर हो रहे है. विशेष बात यह है मल्टीयूटिलटी वैन हो चाहे साइबर टेक अभी तक एक मामले में एफआइआर दर्ज नहीं की. आखिरकार एफआइआर क्यों नहीं? ऐसा सवाल करते हुए महापौर ने त्यागपत्र देना चाहिए, ऐसी मांग युवक कांग्रेस ने की. गुरुवार को इस संदर्भ में निगमायुक्त को ज्ञापन भी सौंपा गया.
केवल विकास की नौटंकी
निगमायुक्त को ज्ञापन सौंपते समय विपक्ष नेता बबलू शेखावत ने कहा कि सत्ताधारियों ने केवल शहर के लोगों को विकास के नाम पर नौटंकी दिखाने का ही प्रयास किया है. स्मार्ट सिटी सबसे पड़ी नौटंकी साबित हुई. 4 वर्षों से मनपा की आय बढ़ाने और उसके माध्यम से विकास करने का दावा किया गया, लेकिन वास्तविकता यह है कि आय बढ़ाने पर अभी तक चर्चा भी नहीं की. इन्हीं असफलताओं की जिम्मेदारी महापौर चेतन गांवडे ने लेनी चाहिए और त्यागपत्र देना चाहिए.
कोरोना उपाय योजना में तालमेल नहीं
युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि कोरोना महामारी का प्रकोप जारी है, ऐसे में कोरोना संक्रमण से बचाव हो, इसके लिए प्रशासन की ओर से जो उपाय योजना की जा रही है उसका तालमेल नहीं है. मनपा की आर्थिक स्थिति पहले ही खराब है. मनपा की आय सत्ताधारियों के कारण ही प्रभावित होने का आरोप भी लगाया.
आंदोलनकारियों में पूर्व महापौर विलास इंगोले, पार्षद बंडू हिवसे, देवयानी कुर्वे, फिरोज खान, युवक कांग्रेस अध्यक्ष निलेश गुहे, सागर कलाने, मनोज भेले, रवींद्र इगोले, विजय आठवले, संजय मोरे, बबलू दुबे, योगेश गांवडे, प्रशांत महल्ले, कलीम शहा, समीर जवंजाल, योगेश बुंदेले, ऋग्वेद सरोदे, प्रथमेश गवई, तन्मय मोहोड, आदित्य साखरे, सूरज अडालके, संकेत बोके समेत सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए.