File Photo
File Photo

    Loading

    • महापौर ने दिया पारित प्रस्ताव का हवाला 

    अमरावती. वर्ष 2019 में अमरावती महानगरपालिका के भाजपा पार्षदों ने अपना एक माह का मानधन बाढ़ग्रस्तों की मदद के लिए दिया, लेकिन यह मानधन मुख्यमंत्री राहत कोष अथवा सरकारी आपदा कोष में नहीं दिया बल्कि भाजपा के पार्टी कोष में जमा कराया. दो वर्ष बाद यह तथ्य सामने आने के बाद महापौर चेतन गावंडे ने गुरुवार को तत्काल प्रेस कान्फ्रेस लेकर मीडिया को आमसभा में पारित एक प्रस्ताव की कापियां थमा दी.

    16 अगस्त 2019 को पारित इस प्रस्ताव में यह जिक्र है कि एक माह का मानधन स्वइच्छा से देने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की जा रही है. साथ ही भारतीय जनता पार्टी के 48 सदस्यों का मानधन भाजपा के आपदा कोष में स्वइच्छा से जमा करने को लेकर प्रशासन अगली कार्रवाई करें. सूचक के तौर पर निलीमा काले का नाम है. जबकि अनुमोदक के रूप में विपक्ष के नेता बबलू शेखावत, विलास इंगोले व शोभा शिंदे के नाम है. जिससे इस मामले ने नया तूल पकड़ लिया है. 

    पार्टी आपाद कोष में जमा करना गलत नहीं 

    गुरूवार को महापौर चेतन गावंडे ने पत्र परिषद में स्पष्ट किया कि आमसभा ने बाढ़ग्रस्तों के लिए राहत राशि पार्टी के राहत कोष में जमा कराने बकायदा प्रस्ताव पारित किया था. 16 अगस्त 2019 को सूचक निलीमा काले और अनुमोदक बबलू शेखावत, विलास इंगोले व शोभा शिंदे थी. इस प्रस्ताव के आधार पर ही भाजपा के 48 सदस्यों का एक माह का मानधन बाढ़ग्रस्तों के लिए पार्टी आपदा कोष में जमा कराया गया. इस तरह 4 लाख 80 हजार रुपए भाजपा आपदा कोष में ट्रांसफर किए गए.

    ऐसा कर हमने कुछ गलत नहीं किया. इस निधि से आपदाग्रस्तों की मदद ही की है. यह दावा भी मनपा सदन नेता तुषार भारतीय ने किया. महापौर ने बताया कि 2019 में प्रदेश के कोल्हापुर में आफत की बाढ़ आई थी. भाजपा ने सरकार के माध्यम से साथ ही पार्टी स्तर पर भी बाढ़ ग्रस्तों को मदद की. जिसमें भाजपा के पार्षदों ने भी उसमें अपने-अपने एक महिने के मानधन का योगदान दिया. पत्र परिषद उपमहापौर कुसुम साहु, पूर्व सदन नेता सुनील काले, स्थाई समिति सभापति सचिन रासने आदि इस वक्त उपस्थित थे. 

    एक झूठ को छिपाने दूसरा झूठ 

    विपक्ष के नेता बबलू शेखावत का कहना है कि बाढ़ग्रस्तों को मदद जैसे पवित्र कार्य के लिए पिछले वर्ष 2019 आमसभा में प्रस्ताव पारित जरूरी हुआ था, लेकिन इस प्रस्ताव में भाजपा पार्टी आपदा कोष में स्वइच्छा से मानधन जमा करेंगी. ऐसा उल्लेख उस समय नहीं था. यह बात प्रोसेडिंग में बाद में डाली गई. क्योंकि जहां हमारा नाम अनुमोदक के तौर पर दर्ज किया गया है, वह प्रस्ताव केवल बाढ़ग्रस्तों को मदद दिए जाने को लेकर था. इस तरह पार्टी कोष में मानधन जमा करने का प्रस्ताव नहीं था.

    उस समय कांग्रेस के पार्षदों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में मानधन की राशि जमा कराई. एक वर्ष बाद अब भाजपा के प्रदेश कार्यालय ने पार्टी को प्राप्त चंदा राशि की जानकारी सार्वजनिक की गई है तो यह तथ्य सामने आने पर कि भाजपा ने बाढ़ग्रस्तों के नाम पर पार्टी फंड जुटा लिया. जनता की नजर में भाजपा की किरकिरी होते देख महापौर ने पार्टी के बचाव में एक और झूठ सामने लाया है.