अमरावती. संपूर्ण राज्य में शुरू भाजपा का दूध आंदोलन नांदगांव पेठ में टाय टाय फिस्स हो गया. दूध के टैंकर को रोकर आंदोलन करने की तैयारी में अडे नेता व कार्यकर्ताओं को टैंकर का ही दो घंटे इंतजार करना पड़ा, लेकिन टैंकर नहीं आने से आखिरकार आंदोलन के लिए खाली दूध की कैन का सहारा लेना पड़ा. पूर्व कृषि मंत्री अनिल बोंडे के नेतृत्व में नांदगांव पेठ में गाय के दूध को 10 रु. तथा दूध पावडर को 50 रु. तथा दूध खरीदी करने पर 30 रुपये प्रतिलीटर अनुदान देने की मांग की गई.
बगैर नियोजन 4 बजे पहुंचे कार्यकर्ता
दूध उत्पादक किसानों की मांग राज्य सरकार तक पहुंचाने महाआघाड़ी सरकार के विरोध में सुबह 4 बजे आंदोलन कर टैंकर रोकने की तैयारी कार्यकर्ताओं ने की थी. नेताओं समेत सभी पदाधिकारी 3.45 से 4 बजे तक पहुंच गये लेकिन नागपुर से अमरावती आनेवाला दूध का टैंकर 6 बजे तक भी नहीं पहुंच पाया, जिससे खाली दूध की कैन और हाथों में दूध पाकेट लेकर फोटोसेशन करना पड़ा. आंदोलन में जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी, जिप सदस्य प्रवीण तायडे, ललित समदुरकर, सुनील जांवजालकर, राजू चिरडे, अमोल व्यवहारे, निलेश अग्रवाल, सचिन इंगले, सत्यजित राठोड, उमेश डोईफोडे, सुनील धर्मे आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे.
मंत्रियों के घर नहीं पहुंचेगा दूध
दूध उत्पादक किसानों की मांग महाआघाड़ी सरकार ने पूर्ण नहीं की तो मंत्रियों के घर जानेवाला दूध बंद करेंगे ऐसी चेतावनी दी.-डा. अनिल बोंडे, पूर्व विधायक