कपास पर बोंड इल्लियों का संकट, दर्यापुर तहसील के कपास उत्पादक चिंता में

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दर्यापुर. वर्ष 2020 किसानों के लिये संकट काल साबित हो रहा है. कोरोना में किसानों को खेतीहर मजदूरों को नुकसान सहना पड़ा. मूंग, उड़द व सोयाबीन फसल देखते देखते चौपट हो गई. जिससे यह लागत भी वसूल नहीं हो पाई. अब कपास फसल पर बोंड इल्लियों का संकट आन पड़ा है. दर्यापुर तहसील में अधिकांश खेतों में कपास पर बोंड इल्लियों का प्रादुर्भाव है. जिससे कपास उत्पादक किसान चिंता में पड़ गए है. क्योंकि नगद फसलें चौपट हो जाने के बाद अब किसानों का केवल कपास पर ही दारोमदार रहा है.  

दुबले पर दो आषाढ़ 

औषधि व कीटनाशक के छिड़काव से बोंड इल्लियों का प्रादुर्भाव रोकना भी मुश्किल हो रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार पहले चरण में ही बोंड इल्लियों पर नियंत्रण पा जा सकता है. लेकिन यदि इल्लियां कपास के बोंड में चली गई तो इसे रोकना संभव नहीं हो पाता. केवल नुकसान कम करने का प्रयास किया जा सकता है. कोरोना काल में भी किसानों ने खेतों में कड़ी मेहनत-मशक्कत की. लेकिन निसर्ग साथ नहीं दे रहा है. कपास उत्पादक किसानों ने कृषि विभाग से प्रत्यक्ष खेतों में पहुंचकर निरीक्षण कर उपाय योजना के लिये किसानों को मार्गदर्शन करना आवश्यक हो गया है. ताकि समय रहते बोंड इल्लियों के संकट से निजात पाई जा सके. कम से कम नुकसान से बचा जा सके.  

बोंड में सुराग कर चट करती है सरकी 

कृषि विभाग के अनुसार बोंड इल्लियां कपास को सर्वाधिक नुकसान पहुंचाती है. जुलाई से नवंबर माह में सर्वाधिक प्रादुर्भाव होता है. छोटी इल्ली पहले फिके हरे रंग की होती है. दूसरी अवस्था में यह बोंड इल्लियां सफेद, तीसरी अवस्था में गुलाबी होती है. पहले कपास की पत्तियां, फुल और कलियां चट करती है. बाद में बोंड को सुराग कर भीतर चली जाती है. बाद में अपनी विष्टा से यह सुराग बंद कर लेती है. जिसके बाद यह इल्लियां रूई में सुराग कर सरकी चट कर लेती है. इसके प्रादुर्भाव से फुल. कलियां पौधों से टपकने लगती है.  

 नियंत्रण के लिये उपाय

इस पर नियंत्रण पाने के लिये जैविक HNPV 500 मिली 1 किलो प्रति हेक्टेयर इस्तेमाल करें अथवा क्रायसोला नामक कीडों के अंडे 50000 प्रति हेक्टेयर छोड़े जाए. इसी तरह 5 प्रतिशत निंबोली अर्क का छिड़काव करें. रासायनिक पध्दति से क्लोरोपायरीफॉस 50 प्रश 1000 मिली अथवा क्विनॉलफॉस 20 प्रश 1000 मिली प्रति हेक्टेयर 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.  ऐसी सलाह तहसील कृषि अधिकारी राजकुमार अडगोकर, राजेश तराल, अभिजीत ठाकरे ने दर्यापुर तहसील के किसानों को दी है.