Bumper-arrival-of-potato-onion-at-APMC-both-cheaper-in-bulk
File Photo

    Loading

    • पुलिस थाने में संचालक की रिपोर्ट 

    परतवाडा. पिछले आर्थिक वर्ष व चालू वित्त वर्ष के लिए बजट मंजूर नहीं होने पर भी अचलपुर कृषि उपज मंडी में करोड़ों रुपए खर्च किए गए. जिससे फिर सुर्खियों में आई अचलपुर कृषि उपज मंडी में इस आर्थिक अनियमितता को लेकर परतवाड़ा पुलिस थाने में संचालक वर्षा नरेंद्र पवित्रकार ने रिपोर्ट दी है. 

    लगातार 2 वर्ष मंजूरी के बिना कामकाज 

    अमरावती कृषि उपज मंडी के बाद जिले में अव्वल अचलपुर कृषि उत्पन्न बाजार समिति में प्रति वर्ष बजट मंजूर किया जाता है. बजट मंजूरी के बाद ही बजटीय प्रावधान के अनुसार निधि खर्च की जाती है. वर्ष 2020-21 के लिए अचलपुर कृषि उपज मंडी ने महाराष्ट्र राज्य कृषि पणन मंडल, पुणे अंतर्गत अमरावती स्थित विभागीय कार्यालय में संबंधित दस्तावेज पेश किए थे,

    लेकिन बजट का प्रस्ताव अधूरा रहने से विभागीय कार्यालय ने परिपूर्ण प्रस्ताव भेजने की सूचना कृषि मंडी को दी थी, लेकिन कृषि मंडी ने परिपूर्ण प्रस्ताव के साथ दुबारा दस्तावेज विभागीय कार्यालय में पेश नहीं किए. जिससे वर्ष 2020-21 का बजट मंजूर नहीं हो पाया. इसी तरह वर्ष 2021-22 में भी यही हुआ. जिसके कारण दो वर्षों के लिए अचलपुर कृषि उपज मंडी बजट मंजूर किए बगैर कामकाज चला रही है. 

    झूठी जानकारी देकर जालासाजी 

    कृषि उपज मंडी की आमसभा में बजट मंजूर करने के लिए प्रस्ताव लिया गया था. जिसके बाद बजट मंजूर करने के लिए मंडी सभापति व सचिव द्वारा विभागीय कार्यालय से दस्तावेजी प्रक्रिया निपटाई जाना अनिवार्य थी. लेकिन यह पूरी नहीं की गई. उल्टा बजट मंजूर हो जाने की जानकारी संचालकों को दी. मंजूरी के बगैर किया गया खर्च गैर कानूनी है.

    साथ ही बजट मंजूर करने के बहाने झूठी जानकारी देकर प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर जालसाजी किये जाने का आरोप संचालक वर्षा पवित्रकार ने पुलिस रिपोर्ट में किया है. इस तरह एक महिला संचालक की सख्त भूमिका से अचलपुर कृषि उपज मंडी में तहलका मच गया है. अब पुलिस क्या कार्रवाई करती है. इस ओर नजरें लगी हैं. 

    शिकायत नहीं मिली

    परतवाड़ा पुलिस स्टेशन में अचलपुर कृउबा को लेकर कोई रिपोर्ट दाखिल की गई है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. जिससे इस मुद्दे पर मेरा कुछ कहना योग्य नहीं  होंगा. बजट मंजूरी के लिए दस्तावेज पेश किए है. जिससे मंजूरी मिलना तय है. -पवन सारवे, सचिव