BJP workers got electrocuted coming to PM Modi rally in Saharanpur

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    अमरावती. सरकार की विभिन्न जलापूर्ति योजनाओं के अनुसार जिले के ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामपंचायतों के तहत कार्यान्वित 243 जलापूर्ति योजनाओं की बिजली आपूर्ति काट दी है. जलापूर्ति योजना पर 1 करोड़ से अधिक रकम बकाया रहने के कारण महावितरण ने बिजली बिल का भुगतान करने यह कार्रवाई किए जाने की जानकारी है. जिसके कारण संबंधित गांवों में पेयजल के लिए हाहाकार मच गया है. बारिश के दिनों में पेयजल के लिए ग्रामीणों को भटकने की नौबत आ गई है.  

    89 ग्राम पंचायतों में अंधेरा

    जलापूर्ति के साथ-साथ महावितरण ने स्ट्रीट लाइट का बिजली बिल भी अदा नहीं किए जाने से 89 ग्राम पंचायतों में अंधेरा कर दिया है. 89 ग्राम पंचायत पर स्ट्रीट लाइट के भी 25 करोड़ से अधिक बकाया रहने के कारण सर्वाधिक बकाया वाली ग्राम पंचायतों की स्ट्रीट लाइट भी बंद कर दिए है. परिणामत: 89 ग्राम पंचायत क्षेत्रों में अंधेरा छाया है. जानकारी के अनुसार जिले में 2747 ग्रापं, नगर परिषद, नगरपालिका, महानगरपालिका जैसे ग्राहक है. इन ग्राहकों पर 130 करोड़ से अधिक बकाया है. उसी तरह जलापूर्ति योजना के भी जिले में 1930 ग्राहक हैं. जिन पर 56 करोड़ रुपयों का बिल बकाया है. 

    लोगों ने नहीं किया पानी, टैक्स का भुगतान 

    जिले के अधिकांश ग्राम पंचायत क्षेत्रों में सरकार के विभिन्न जलापूर्ति योजना के तहत ग्रामीणों को पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है. कोरोना के चलते पहले ही नागरिकों की आर्थिक स्थिति कमजोर हो चुकी है. ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध नहीं रहने से बिजली बिल अदा करने के लिए भी पैसे नहीं है. जिसके कारण गत और शुरू वर्ष में लोगों ने टैक्स और पानी टैक्स का भुगतान नहीं किया.

    परिणामत: ग्राम पंचायत की आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो गयी, लेकिन ग्राम पंचायत प्रशासन महावितरण को बिल का भुगतान नहीं कर सका. जल जीवन के लिए आवश्यक होने के बावजूद महावितरण ने लोगों को बारिश के दिनों में पानी की तलाश में भटकने के लिए मजबूर किया है. जिसके कारण जलापूर्ति योजना जहां बंद है, वहां के नागरिकों में प्रशासन के खिलाफ रोष निर्माण हो रहा है. 

    15वें वित्त आयोग से काटे

    जिले की अधिकांश ग्रामपंचायत, नगरपालिका, नगरपरिषद महावितरण के ग्राहक है. कोरोना के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में टैक्स और पानी टैक्स की वसूली नहीं के बराबर है. जिसके चलते ग्रामपंचायतों ने उन्हें प्राप्त होने वाले 15वें वित्त आयोग से बिजली बिल का भुगतान कर बिजली आपूर्ति सुचारू करने की मांग की है.

    जिससे नागरिकों को नियमित स्ट्रीट लाइट व पानी उपलब्ध होगा और महावितरण को बिल का भुगतान भी किया जाएगा. ग्रामपंचायत की ओर से राज्य सरकार को प्रस्ताव पारित कर 15वें वित्त आयोग की निधि महावितरण को ट्रान्सफर करने की मांग की जा रही है. जिस पर राज्य सरकार क्या निर्णय लेती है. यह देखना बाकी है. 

    आर्थिक डगमगाएगा महावितरण 

    महावितरण के करोड़ों रुपए बकाया रहने से महावितरण आर्थिक रूप से डगमगा जाएगा. कार्रवाई करने की इच्छा महावितरण की नहीं है, लेकिन कार्रवाई नहीं की तो बिजली कहां से खरीदेंगे. अखंडित सेवा के लिए राज्य सरकार भी निधि उपलब्ध कराती है तो भी महावितरण का ऐतराज नहीं है. महावितरण केवल आर्थिक रूप से स्थिर रहने का प्रयास कर रहा है. जिसके लिए सभी का सहयोग होना चाहिए. -सुचित्रा गुर्जर, मुख्य अभियंता, अमरावती विभाग