Child marriage
प्रतीकात्मक तस्वीर

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    अमरावती. कोरोना काल में बाल विवाह रोकने का काम हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल की चाइल्ड लाइन 1098 बाल संरक्षण कक्ष ने कर दिखाया है. 1098 इस नंबर पर प्राप्त जानकारी के बाद एक विशेष पुलिस टीम तत्काल बडनेरा पुलिस स्टेशन अंतर्गत आने वाले बालिका के घर पर पहुंची.

    जहां नाबालिग बच्ची को रिश्तेदार दूल्हे के घर ले जाकर शादी का कार्यक्रम पूर्ण करने जा रहे थे, लेकिन चाइल्ड लाइन ने उस जगह का पता लगाते हुए केवल 10 मिनट में बच्ची के होने वाले विवाह पर रोक लगा दी. जिसके बाद माता-पिता दूल्हा तथा बारातियों के खिलाफ बडनेरा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया.

    2 माह में 14 बाल विवाह रोके 

    चाइल्ड लाइन की ओर से 2 माह में 14 बाल विवाह रोकने के लिए काम किया गया. बाल विवाह प्रतिबंधक कानून 2006 के अनुसार बालिका के माता-पिता व दूल्हा मंडली की ओर से बाल विवाह रोकने के लिए लड़की के 18 वर्ष होने तक यह शादी नहीं हो पाएगी. ऐसा गारंटी पत्र लिख कर लिया. इतना ही नहीं तो नाबालिग की देखभाल व सुरक्षा के दृष्टिकोण से लड़की के घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए बालिका को शासकीय लड़कियों के बाल गृह में रखा गया.

    यह मामले में हव्याप्रमंडल के प्रधान सचिव प्रभाकरराव वैद्य व  सचिव माधुरी चेड़के, चाइल्ड लाइन के संचालक नितिन काले, उपसंचालक प्रशांत घुलक्षे के मार्गदर्शन में काम किया गया. यह कार्रवाई महिला और बाल विकास अधिकारी अतुल भड़ांगे, बाल कल्याण समिति अध्यक्षा मीना दंडाले, अंजलि घुलक्षे, बाल विकास प्रकल्प अधिकारी, पुलिस आयुक्त कार्यालय के अधिकारी तथा बाल संरक्षण के अधिकारी के नेतृत्व में की गई.