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धारणी. मेलघाट की धारणी तहसील अंतर्गत आने वाले प्राथमिक आरोग्य केंद्र धूलघाट रेलवे में फिर एक बार उपचार के अभाव में 3 वर्षीय बालक की मौत से हड़कंप मच गया है. इस घटना ने फिर स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल दी है. स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप है नागरिक लगा रहे हैं.  

उपजिला अस्पताल रेफर नहीं किया

राणीगांव निवासी शौर्य सोहनलाल कासदेकर (3 वर्ष) का रेलवे धूलघाट के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत एनआरसी में उपचार किया जा रहा था. वजन कम होने के चलते उसकी देखभाल का जिम्मा एनआरसी पर था. मंगलवार को शौर्य की तबियत बिगड़ने से उसके माता-पिता ने उसे प्राथमिक आरोग्य केंद्र धूलघाट रेलवे ले गये. जहां डॉक्टर डुकरे ने शौर्य का उपचार किया और वापस राणीगांव भेज दिया, लेकिन रात को शौर्य की तबियत अचानक और बिगड़ गई कुछ ही देर में उसने दम तोड़ दिया.

परिजनों का आरोप है कि शौर्य की हालत गंभीर होने के बावजूद उसे धारणी उपजिला अस्पताल अथवा जिला सामान्य अस्पताल में रेफर न करते हुए वापस उसके गांव भेज दिया गया. अपनी लापरवाही पर परदा डालने के लिए ऐसा किए जाने का आरोप भी शौर्य के माता-पिता संबंधित स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मचारियों पर लगा रहे हैं. 

दोषियों पर कार्रवाई की मांग

मेलघाट में आरोग्य विभाग के इस गैर जिम्मेदाराना रवैये व लचर व्यवस्थाओं के चलते मातामृत्यु बालमृत्यु के प्रकरण सामने आ रहे हैं, जबकि सरकार द्वारा इन व्यवस्थाओं पर खर्च की जा रही करोड़ों रुपये की शासन निधि व्यर्थ हो रही है. राणीगांव के इस मामले में दोषियों पर तुरंत कार्रवाई करने की मांग वरिष्ठ प्रशासन से की जा रही है.  

जन्म से ही कम था वजन

शौर्य का वजन जन्म से ही कम था. उसका नियमित उपचार जारी था. शौर्य को मंगलवार को उपचार के बाद उसकी तबियत ठीक होने से डा. डुकरे ने उसे घर पहुंचाया, लेकिन अचानक घर में उसकी मौत होने की सूचना हमें मिली. समय पर भोजन न करने व अधिक कमजोरी के चलते उसकी मौत होने की संभावना है. -डा. राठोड़, वैद्यकीय अधिकारी