अमरावती. राज्य के पूर्व कृषि मंत्री डा.अनिल बोंडे ने कहा है कि राज्य में अतिवृष्टि से नुकसानग्रस्त किसानों को पर्याप्त सहायता प्रदान करने की आवश्यकता थी, लेकिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने किसानों की मदद के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की घोषणा की है. जिसमें कृषि फसलों व घरों के लिए 5500 करोड़ दिए जाएंगे. घोषित किए 9776 करोड़ रुपयों में सड़क पुल के लिए 2635 करोड़ रुपए, नगर विकास के लिए 300 करोड़, महावितरण के लिए 239 करोड़ रुपए, जलसंपदा के लिए 102 करोड़ रुपए, ग्रामीण सड़क व जलापूर्ति के लिए 1000 करोड़ रुपए प्रदान किए गए है. उन्होंने आरापे लगाया कि किसानों के फसलों व घरों के लिए घोषित 5,500 करोड़ रुपये की सहायता अत्यल्प है.
भूमि क्षति का उल्लेख नहीं
उन्होंने बताया कि पिछले साल कार्यवाहक मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने केवल किसानों को 10 हजार करोड़ रुपये दिए थे. उस समय खेतों का दौरा करने वाले उद्धव ठाकरे ने असिंचीत के लिए 25,000 रुपये, बागवानी के लिए 50,000 रुपये और फल बागानों के लिए 1 लाख रुपये देने की मांग की थी. शरद पवार ने भी काटोल में इसी मांग के लिए आवाज बुलंद की थी. लेकिन आज मुख्यमंत्री ने प्रति हेक्टेयर 10,000 रुपये यानी 4,000 रुपये प्रति एकड़ की घोषणा बागवानी और कृषि योग्य फसलों के लिए की है. खुरपी और बही भूमि का उल्लेख भी नहीं किया गया है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे टोल धारकों को नुकसान भरपाई के मौर पर 125 करोड़ रुपये का भुगतान कर सकते है. कपिल सिब्बल जैसे वकील को प्रत्येक सुनवाई के लिए 10 लाख रुपये का भुगतान कर सकते हैं, लेकिन किसानों के नुकसान को कम आंका जा रहा है. मुख्यमंत्री दौरे पर 3800 रु. के चेक सहायता के रुप में देकर उनका मजाक उड़ाया जा रहा है. यह मदद भी इसी की पुनरावृत्ती है.
वादा निभाए सीएम
सरकार द्वारा किसानों के लिए केवल 5,500 करोड़ की वास्तविक सहायता घोषित की है. लेकिन इसे 10,000 करोड़ रुपये बताया जा रहा है. यह किसानों के साथ सरासरा धोखेबाजी है. इसलिए, महाराष्ट्र सरकार ने असिंचित के लिए 25,000 रुपये प्रति हेक्टेयर, बागवानी के लिए 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर और फल बागों के लिए 1 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता कर वादा पूरा करने की मांग बोंडे ने की है.