अमरावती. शासकीय तथा प्रशासकीय सेवा में कार्यरत व्यक्ति की मृत्यू होने के बाद उसके परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा के तहत सेवा में लेने की योजना सरकार की ओर से चलाई जाती है. इसे अनुकंपा के तहत सेवा में लेने की योजना सरकार की ओर से चलाई जाती है. इसे अनुकंपा कर्मचारी कहा जाता है, लेकिन जिला परिषद के संबंधित विभाग की ओर से इस योजना के तहत कर्मचारियों की नियुक्ति का प्रस्ताव भेजने में ही टालमटोल किया जा रहा है. इसके चलते कई परिवारों को इसयोजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
निश्चित समयावधि में करना पड़ता है आवेदन
गौरतलब है कि शासकीय सेवा में कार्यरत रहते हुए किसी अधिकारी या कर्मचारी की मृत्यू हो जाने पर दिवंगत के परिवार के एक सदस्य को सेवा में शामिल किया जाता है. ताकि परिवार के आर्थिक समस्याओं को कम किया जा सके. साथ ही मृतक के परिवार को अनुकंपा के तहत तत्काल मदद उपलब्ध कराई जाती है. इस योजना में मृतक कर्मचारी की पत्नी, बेटे या फिर बेटी को इसके अलावा मृत्यू के पहले कानूनी तौर पर गोद लिए हुए पुत्र को नियुक्ति दी जाती है.
साथ ही भाई तथा बहन को भी नियुक्ति का प्रावधान है. इसके लिए शासन द्वारा 1 निश्चित समयावधि के दौरान आवेदन करने का नियम भी है. मृतक व्यक्ति की मृत्यू से एक वर्ष के भीतर इस योजना के तहत आवेदन स्विकारे जाते है. आवेदनकर्ता को भी उसी विभाग में नौकरी दी जाती है. इसलिए इस योजना की जानकारी मृतक के परिवार को होना जरुरी होने से जिला परिषद विभाग की ओर इस संदर्भ में जनजागृति होना भी जरुरी है. बावजूद जिला परिषद की ओर से इस योजना को लेकर कोई नियोजन नहीं किए जाने से लाभार्थी लाभ से वंचित हो रहे है.
सुधारी जाएगी व्यवस्था
अनुकंपा के तहत नियुक्ति किए जाने के लिए पत्र जारी किए गए है. इसके तहत मृतक व्यक्ति के परिवार से किसी एक पात्र व्यक्ति को नियुक्ति दी जाएगी. कार्यालय में इस योजना को लेकर चल रही अनियमितताओं को जल्द खत्म कर व्यवस्था में सुधार किया जाएगा. – अमोल येडगे, सीईओ अमरावती.