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अमरावती. शेतकरी सहकारी जिनिंग प्रेसिंग सोसाइटी की बेशकीमती जमीन कौड़ियों के भाव में बेचे जाने का मामला विपक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस व राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात के कोर्ट में पहुंचेगा. सोसाइटी के सदस्य इस मुद्दे में न्याय मांगने के लिए रवाना होने की जानकारी है. सहकार विभाग की ओर से नियुक्त जांच समिति द्वारा सोमवार से जांच पड़ताल आरंभ होने का दावा सहकार विभाग ने किया है. 

एक ही दिन में 30 ने खरीदे प्लाट
महानगरपालिका के पास गिरवी जमीन को लॉकडाउन में छुड़ाने से मनपा अधिकारियों के कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह निर्माण किया जा रहा है. 15 मई को एक साथ 86 लाख रुपयों की रकम भरकर प्लाट से कब्जा हटा लिया. हालांकि मनपा को इस प्लाट की नीलामी करना अनिवार्य था. जब 15 मई को लोग अपने अपने घरों में थे. ऐसे समय में सोसाइटी की बेशकीमती जमीन बेच दी गई.

विशेष बात यह है कि लोग लॉकडाउन में रोजगार और रोजी रोटी की तलाश कर रहे थे. खरीदी बिक्री बंद हो गयी ऐसे में एक ही दिन जिनिंग के सभी प्लाट की खरीदी कैसे हुई. एक साथ 30 लोगों ने प्लाट की खरीदी की, जिससे अब एक भी प्लाट शेष नहीं बचा, जिसके लिए आमसभा लेकर सोसाइटी के 750 सदस्यों की अनुमति भी नहीं ली गई. संचालक मंडल के अनुसार यह जमीन वर्ष 1995 के जयंत ससाणे द्वारा जारी किये गये जीआर के अनुसार बेची गई. 

संचालकों के जबाव का इंतजार
सहकार विभाग की ओर से जमीन बेचने के मामले में सहकार विभाग की अनुमति लेना अनिवार्य होने के बावजूद भी नहीं लिये जाने तथा अनियमित व्यवहार करने के मामले में नोटिस दी थी. इतना नहीं तो निबंधक विभाग के अधिकारी पारीसे को जांच पड़ताल की जिम्मेदारी सौंपी गई. लेकिन अभी तक संचालकों के जबाव का इंतजार किया जा रहा है.