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    अमरावती. स्वास्थ्य विभाग की ओर से मानसून पूर्व तैयारी आरंभ कर दी गई है. जिसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग में 139 ग्राम पंचायतों में से 6 हजार 396 जल स्त्रोत का जल स्वच्छता सर्वेक्षण किया है. जिसमें जिले की 155 ग्राम पंचायतों को येलो कार्ड दिया गया. जबकि 684 ग्राम पंचायतों को ग्रीन कार्ड मिला है, अन्य 5 हजार 557 जल स्त्रोत से रहने का दावा स्वास्थ्य विभाग ने किया है.

    1,683 गांव के नमूने जांचे 

    प्रतिवर्ष बारिश के पूर्व ग्रामीण क्षेत्र में साथ रोग नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जल स्त्रोत का सर्वेक्षण किया जाता है. इस वर्ष जिले के 839 ग्राम पंचायत अंतर्गत 1 हजार 683 गांव के 6 हजार 396 पानी के नमूने जांच के लिए भेजे गए. जिसमें एक भी ग्राम पंचायत को रेड कार्ड नहीं मिलने का दावा स्वास्थ्य विभाग ने किया है. जिसका मतलब यह है कि किसी भी ग्राम पंचायत को दूषित जलापूर्ति का खतरा रहने की रिपोर्ट नहीं है, लेकिन 155 ग्राम पंचायतों को यलो कार्ड मिला है. जिससे इन ग्राम पंचायतों में सौम्य रूप से दूषित जलापूर्ति होने की जानकारी है. 

    5,507 जलस्त्रोत सेफ जोन में

    684 ग्राम पंचायतों को ग्रीन कार्ड मिला है. जिससे इन ग्राम पंचायतों को स्वच्छता रखने के संदर्भ में नोटिस दी गई है अन्य 5 हजार 507 जल स्त्रोत सेफ जोन में दिखाए गए. इन गांव का समावेश दूषित जल स्त्रोतों में नहीं किया गया. जहां परिसर की गंदगी को स्वच्छ करने के संदर्भ में प्रतिवर्ष स्वास्थ्य विभाग की ओर से ग्राम पंचायतों को नोटिस दी जाती है, लेकिन ग्राम पंचायत स्तर पर कोई भी नोटिस की दखल नहीं लेता. यह ग्रामीण क्षेत्र की वास्तविकता है. जिससे ग्राम पंचायतों को दूषित जलापूर्ति का सामना करना पड़ता है.