Corona increases distance between sister and brother, no means of transport, danger of infection increases

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चुर्णी. भाई बहन के रिश्ते का अटूट बंधन रक्षाबंधन को माना जाता है. इस दिन हर कोई बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने की इच्छा रखती है. भारतीय संस्कृति में भी बचपन से ही बहन व भाई को एक निरागस बंधन में बांधकर रखता है. लेकिन इस वर्ष कोरोना के चलते कई बहनें अपनी भाई की कलाई पर राखी नहीं बांध पायी. यातायात के साधन उपलब्ध नहीं है, गांव गांव में कोरोना का खतरा रहने से सुरक्षितता हेतु गांव से बाहर निकलने और अनजान व्यक्ति को गांव में कदम भी नहीं रखने दे रहे, पाजिटिव मिलने पर कंटेनमेंट जोन बनाये है, जिससे भी बहने हो या भाई दोनों में दूरियां बढ़ गई है.  

पोस्ट व कुरियर सेवा खंडित
रक्षाबंधन के त्योहार पर पोस्ट आफिस व कुरियर में बहनों की कतारे लगी रहती थी. जो बहने भाई को राखी नहीं बांध सकती, वह राखी भेजकर यह कर्तव्य पूर्ण करती है. लेकिन इस वर्ष तो जो बहने राखी बांधती थी वह भी एसटी, रेलवे, निजी सुविधा बंद होने से घर पर ही बैठी है. कोरोना का खतरा बढ़ने के कारण अब कोई राखी का पार्सल स्वीकारना भी नहीं चाहता, जिसका पूर्ण परिणाम राखी विक्रेताओं पर हुआ है.

सोशल मीडिया का जमकर इस्तेमाल 
भाई की कलाई पर राखी बांधने के पश्चात भाई भी उसे रिटर्न गिफ्ट देता है, लेकिन इस वर्ष राखी ही नहीं बांधने से भाई भाई को रिटर्न गिफ्ट किसे दे, ऐसा सवाल निर्माण हुआ. इसका भी परिणाम शहर के मार्केट पर हुआ है. भले ही भाई बहन एक दूसरे को राखी नहीं बांध पाये, लेकिन रक्षा बंधन की शुभकामनाएं और वीडियो काल के माध्यम से एक दूसरे को शुभकामनाएं जरुर दी. सुबह से ही सोशल मीडिया पर रक्षा बंधन के लिए जमकर इस्तेमाल किया.