कोरोना ने सिखाया बचत व नियोजन, होटलिंग, सैरसपाटे से लेकर किचन तक कटौती

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    अमरावती. कोरोना प्रादुर्भाव से कई परिवार आज भी आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. लाकडाउन से वित्तीय व्यवस्था ठप हो चुकी हैं. सैकड़ों को रोजगार गंवाना पड़ा है. ऐसे में परिवार को रोजी-रोटी कैसे उपलब्ध कराएं, ऐसा प्रश्न निर्माण हो गया है. कोरोना ने कॉस्ट कटिंग से लेकर आर्थिक नियोजन और बचत करना सिखाया है. कोरोना का परिणाम सैकड़ों की मानसिकता पर हुआ है. इसीलिए हर परिवार होटलिंग, सैर सपाटे से लेकर किचन में भी कटौती करने में लगे है.

    लोगों ने बदलाव को किया मान्य

    कोरोना के कारण हजारों परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ चुकी है. जमा पूंजी भी समाप्त हुई, तो कईयों का रोजगार नहीं रहा. सैकड़ों परिवारों में आर्थिक कलह से भी जूझना पड़ रहा है. इसी से सबक लेते हुए अनावश्यक खर्च बंद कर लोक बचत करना सिख चुके हैं. होटलिंग और यात्रा पर होने वाला खर्च फिलहाल बाजू में रखा गया है.

    ऐसे में कई लोगों ने तो अपने बच्चों की कटिंग और बडे शेविंग तक घर में कर आर्थिक बचत कर रहे है. यह कौशल भी कोरोना ने सिखाया है. कोरोना से जितने दुष्परिणाम नागरिक भुगत रहे हैं, तो कई लोग उससे आर्थिक बचत भी सीख गए. पैसे बचत करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं यह बात कोरोना सिखा गया. कोरोना के कारण लोगों के जीवन में बदलाव देखा जा रहा है.

    फास्ट फूड का भी चलन घटा 

    पैसों की बचत और कटौती को जोर दिया जा रहा है. अधिकांश खर्त स्वास्थ्य और शिक्षा पर हो रहा है. कोरोना के बाद लाकडाउन शुरू होने से सब्जियां नहीं मिल रही थी. ऐसे में दलहन को ही प्राथमिकता दी गई. इसीलिए लोग आज भी सब्जियों के दाम बढ़ने के कारण दलहन पर ज्यादा जोर दे रहे है. बाहर फास्ट फूड खाने की बजाय घर में तैयार पदार्थ खाने की आदत नागरिकों को लगी है. जिससे पैसा और स्वास्थ्य दोनों की बचत हो रही है.

    शैक्षणिक खर्च में बचत

    स्कूल शुरू होने के बाद छात्रों का खर्च बढ़ जाता है, लेकिन गत् वर्ष और इस वर्ष अभिभावकों को छात्रों के शैक्षणिक खर्च में बचत ही हुई है. छात्रों के लिए पाठ्यपुस्तक के अलावा कोई भी खर्च नहीं करना पड़ा. स्कूल वैन,स्कूल यूनिफॉर्म, सांस्कृतिक कार्यक्रम शुल्क, दफ्तर, वाटरबैग नया टिफिन बाक्स के साथ ही पेंसिल बॉक्स, बुक्स और अन्य स्कूल के कार्यक्रमों पर खर्च होता था. उन सभी खर्च की बचत हुई है.

    यात्रा के खर्च में कटौती

    मार्च 2020 में कोरोना लाकडाउन घोषित हुआ. शाला और कार्यालय बंद रहने से केवल आनलाइन काम का शुरू था. इसीलिए लोग बाहर नहीं जा पाए. इतना ही नहीं तो कोरोना के कारण डर के मारे लोग शादी-ब्याह के साथ-साथ किसी के अंतिम संस्कार में भी जाने के लिए यात्रा करना टाल रहे थे. जिससे यात्रा के खर्च में कटौती हुई. होटलिंग बंद रहने से भी यह खर्च काफी कम हो गया.