अमरावती. पूर्व वित्त राज्यमंत्री सुनील देशमुख ने राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कोरोना से मुकाबले के बीच पश्चिम महाराष्ट्र में सड़कों के काम गति से पूर्ण करने के आदेश डीसीएम पवार द्वारा दिये जाने को लेकर फिर एक बार विदर्भ के साथ भेदभाव किये जाने का तंज कसा है. डा. देशमुख के अनुसार डीसीएम के आदेश में केवल पश्चिम महाराष्ट्र तथा उनके कार्यक्षेत्र के कामों का ही जिक्र है. जबकि विदर्भ को बाद में देखेंगे ऐसा आरोप भी अजित पवार पर किया है. यह विदर्भवासियों के साथ द्वेष भावना को प्रदर्शित करता है.
विदर्भ के साथ फिर भेदभाव
विदर्भ, मराठवाड़ा व कोकण जैसे विकास में पिछड़े क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को आंखें खुली रखनी पड़ती है. नहीं तो पश्चिम महाराष्ट्र के विकास के लिए यह नेता फूटी कौड़ी भी हाथ नहीं लगने देंगे. अजित पवार का नाम लिये बगैर कहा कि ऐसे नेता मंत्रिमंडल में हैं. देशमुख ने यह भी स्पष्ट किया कि जहां उपमुख्यमंत्री कोरोना के लिए निधि की कमी पड़ने की संभावना जता रहे हैं.
वहीं दूसरी ओर उनके प्रभाव क्षेत्र पुणे, सातारा, सांगली, कोल्हापुर, सोलापुर में सभी काम पूर्ण करने के आदेश दिये हैं. वहीं दूसरी ओर विदर्भ के प्रशासकीय कार्यालयों को अखर्चित निधि भी वापस मांगी जा रही है. जबकि विदर्भ के विकास कामों पर पूछने पर कोरोना का नाम आगे कर रहे हैं. ऐसा आरोप लगाते हुए डा. सुनील देशमुख ने विदर्भ के नेताओं से सजग रहने का आह्वान किया है.