अमरावती. कोरोना से लगातार हो रही मौतों का मंजर अब खतरनाक मोड़ पर आ गया है. हिन्दू श्मशान भूमि में शव वेटिंग पर हैं. 2 गैस शवदाहिनियों के अलावा चबूतरों पर और नीचे भी चिताएं जलायी जा रही हैं. चिताएं जलाने के लिए ईंधन कम पड़ने लगा है. इतना ही नहीं तो श्मशान भूमि के कर्मी लकड़ियां फोड़ने से मना करने लगे हैं. श्मशान भूमि प्रशासन ने शवों की बढ़ती संख्या से श्मशान भूमि प्रबंधन अतिरिक्त व्यवस्थाओं में जुटा है. मंगलवार को एक दिन में 16 कोरोना डेथ बाडी और 13 आम डेथ बाडी पर अंतिम संस्कार हुए. जबकि बुधवार को दोपहर 2 बजे तक ही 18 शवों पर अंतिम संस्कार किए गए. यह आंकड़ा भयावह है.
लकड़ी फोड़ने से मना कर रहे कर्मी
श्मशान भूमि में रोजाना दर्जनों शव अंतिम संस्कार के लिए वेटिंग पर रह रहे हैं. इसके बाद भी दिन भर लाशों के आने का सिलसिला जारी रहा. इस श्मशान भूमि में कुल 2 गैस शवदाहिकाएं हैं. जिनमें सिर्फ कोरोना से मृत होने वालों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. इसके अलावा 3 शेड में के तीन चबूतरे कोरोना मृतकों के लिए रिजर्व किए गए हैं. अब लाशों की लगातार बढ़ रही संख्या के कारण शेड़ के बाहर भी लाशें जलायी जा रही है.
1 और गैस शवदाहिनी का आर्डर दिया
मंगलवार को गैस शव दाहिनी में से 1 शव दाहिनी अत्याधिक लोड के कारण खराब हो गई. उसका बायलर खराब हुआ. श्मशान भूमि प्रशासन ने तुरंत इसकी मरम्मत करवाई है. साथ ही एक और गैस शवदाहिनी का आर्डर दिया गया है. लगभग 42 लाख रुपए कीमत की यह शवदाहिनी जल्द ही शहर में आएगी.
महिलाओं की भी भीड़ बढ़ी
कोरोना से होने वाली मौतों के बाद बाड़ी अस्पताल से सीधे श्मशान भूमि में भेजी जाती है. जिससे परिजनों को अपने परिजन के अंतिम दर्शन तक नहीं होते. अपने मृत परिजन के अंतिम दर्शन करने के लिए अब महिलाएं भी बड़ी संख्या में श्मशान भूमि में पहुंच रही है.
लकड़ियों का शार्टेज
हिन्दू श्मशान भूमि में अब शवों के अंतिम संस्कार के लिए लकडियों का शार्टेज पड़ने लगा है. मंगलवार को लकडियां पूरी तरह समाप्त हो गई. आनन फानन में भारत सा मील से लकड़ियां मंगायी गई. लेकिन लकड़ियों को फोड़ने के लिए कर्मचारी तैयार नहीं हो रहे हैं. किसी तरह मना कर कर्मियों से यह लकड़ियां तुड़ायी गईं.
कभी कल्पना तक नहीं की
इस तरह की कभी स्थिति आ सकती है. इसकी कल्पना तक नहीं की थी. पहले से ही हिन्दू श्मशान भूमि में अत्याधुनिक व्यवस्थाएं हैं. विशाल परिसर और इलेक्ट्रानिक शव दाहिनियां हैं. जिससे परिस्थिति काबू में हैं. लेकिन फिर भी चीताओं के लिए लकड़ियों की कमी हो रही है. जिसकी तत्काल व्यवस्थाएं की गई. यहां पर 4 कर्मी लकडियां फोड़ने के लिए नियमित काम करते हैं. लेकिन अब ईंधन की आवश्यकता बढ़ने से कर्मी इतनी लकड़ियां फोड़ने में असमर्थता जता रहे हैं. हमने 1 गैस शव दाहिनी और आर्डर की है. जिलाधिकारी शैलेश नवाल ने स्वयं यहां की व्यवस्थाओं की जानकारी लेकर संतोष जताया है.-आरबी अटल, अध्यक्ष हिन्दू श्मशान भूमि