शहर में जगह-जगह जानलेवा गड्ढे, त्योहारों में भी अनदेखी

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अमरावती. एक ओर दीपावली की खरीदारी की भीड़ बढ़ने से ट्राफिक जाम की समस्या निर्माण हो रही है, वहीं दूसरी ओर सड़कों का काम शुरू रहने से सड़क के दोनों ओर तैयार किए जा रहे गड्ढे मौत को दावत दे  रहे है. मुख्य चौक चौराहों में सड़कों का आधा अधूरा काम नागरिकों के लिए जानलेवा न बने, ऐसी समस्या निर्माण होने से लोग भी इन गड्ढों से बचने के लिए नए-नए तरीके निकाल रहे है. 

चौक चौराहों पर हैं गड्ढें

शहर की सड़कों के लिए करोड़ों की निधि उपलब्ध कराते हुए मुख्य मार्गों के साथ शहर के अंतर्गत मार्गों को भी सीमेंट रोड बनाया जा रहा है. मुख्य मार्गों की सड़कों का काम गत् दो वर्षों से किया जा रहा है. पहले ही व्यापारी और नागरिक सड़क निर्माण कार्य की कछुवा गति से परेशान थे. ऐसे में कोरोना के चलते अब आधे अधूरे कामों के कारण नागरिक त्रस्त है. शहर का मध्यस्थल राजकमल चौक, जयस्तंभ चौक, शाम चौक में सड़कों का काम कछुवा गति से किए जाने के चलते खरीदारी करने वाले लोगों को ट्राफिक जाम की समस्या के साथ साथ गड्ढों में ना गिरे, इसका डर लग रहा है. ट्राफिक में खड़े रहते समय कोई भी गड्ढों से दूर वाहन खड़ा करने का प्रयास करता है. बावजूद इसके इन गड्ढों की ओर लोकनिर्माण विभाग अनदेखी कर रहा है. 

सीमेंट सड़कों की सलाखें बनी आफत 

बापट चौक हो या जयस्तंभ वहां जाना अथवा वापस आना है तो राजकमल चौक से जाना पड़ता है. वापस आते समय राजलक्ष्मी टाकिज के पास सड़कों का काम शुरू रहने से वाहनों की कतारें जयस्तंभ तक लगती है. जिससे निकलना मुश्किल हो जाता है इसलिए लोग भी आसान मार्ग अपनाते है. राजकमल उडानपुल से निकलकर आटो गली से आने का प्रयास करते है. लेकिन आटो गली में भी दो बड़े-बड़े गड्ढे मानो हादसे को न्यौता दे रहे है. सड़क किनारे ही बड़ा सा गड्ढा है. जिस पर केवल लोहे की सलाखें डाली गई. वहीं दूसरी ओर पाइप लाइन के लिए भी खुदाई करने से गड्ढे खोदे तो गए है, लेकिन इसे बुझाने का काम अभी तक नहीं किए जाने से भी दुर्घटना होने का खतरा बना है. 

घर से बाहर निकलना मुश्किल 

त्यौहारों में घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. लोगों में सड़कों से चलते समय भी एक डर लगा रहता है. सीमेंट रोड़ करोड़ों के बनाए गए, लेकिन उसका इस्तेमाल केवल सड़कों पर दुपहिया रखने के लिए किया जा रहा है. – शाम चवरे, नागरिक

अधिकारी भी जिम्मेदारी समझे

कोरोना के कारण लगातार मार्च माह से लोग घरों में कैद थे. अनलाक और अब दीपावली के कारण लोग घरों से बाहर निकल रहे है. ऐसे में गड्ढे लोगों के जान के दुश्मन बने है. कई जगहों पर तो सीमेंट सड़कों की सलाखें बाहर निकली है. बावजूद अधिकारी जिम्मेदारी समझने को तैयार नहीं है. 

संजय गवाले, नागरिक