खरीदी बिक्री वजन कांटे में दोष, प्रत्येक पोते में एक किलो कृषि उपज का अंतर

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चांदूर रेलवे. चहुंओर से आर्थिक व मानसिक संकट में फंसे किसानों को खरीदी बिक्री संघ भी प्रताड़ित कर रहा है. खरीदी के समय कृषि उपज का वजन गिननेवाले कांटे में अंतर होने से किसानों की लूट होने का मामला गुरुवार को व्यापारी और किसानों के समक्ष उजागर हुआ. इस वजह से बाजार समिति में हंगामा मचने के बाद माल की खरीदी रोक ही गई है. किसानों के सैकड़ों क्विंटल की चोरी होने की चर्चा बाजार समिति में जोरो पर रही.  

15 दिनों से नहीं जांचे कांटे
स्थानीय स्तर पर खरीदी बिक्री संघ नाफेड व किसानों के बीच कड़ी बनकर नाफेड की खरीदी बिक्री पर नियंत्रण रखने का काम करता है. लेकिन खरीदी बिक्री के वजन कांटे में किसानों के कृषि उपज के 1 पौते में 1 किलो का अंतर पाए जाने का मामला प्रकाश में आने के बाद नाफेड ने गुरुवार को खरीदी बिक्री व बाजार समिति के कांटे पर माल गिनने व वजन करने की प्रक्रिया रोका दी, जिससे सुबह 4 बजे से माल लेकर आए किसान दोपहर 2 बजे तक इंतजार में बैठे रहे. इसके बाद उनके माल की खरीदी कब होगी, इसकी कोई निश्चितता नहीं है. यह वजन काटे की नियमित जांच होनी चाहिए, लेकिन विगत 15 दिनों से इसकी जांच नहीं होने की जानकारी सामने आयी है.

तकनीकी अंतर की संभावना
वजन के समय लगातार हिलते रहने से वजन में तकनीकी अंतर संभावित है. वैसे देखा जाए तो इलेक्ट्रानिक काटा भी एक ही जगह जरुरी है. जगह बदलने पर वजन में अंतर पड़ता है. फिर भी वजन कांटों की जांच कर शीघ्र ही वजन प्रक्रिया शुरू की जाएगी.-इंगले, सचिव, बाजार समिति 

इसमें खरीदी बिक्री संघ का हाथ 
पिछले वर्ष कृषि उपज के वजन में अंतर से अनेक क्विंटल माल खरीदी बिक्री के पास शेष बचा है. इस वर्ष भी वजन में अंतर कर किसानों का माल लूटने का प्रयास खविसं कर रहा है. आज तथ्य सबके सामने आया है. इससे पहले भी हजारों क्विंटल माल खविसं ने लूटा है-बंडू मुंदडा, संचालक, बाजार समिति

तकनीकी अंतर
बुधवार को नियमित खरीदी प्रक्रिया के दौरान किसान व व्यापारियों ने वजन में अंतर होने की बात कही. कांटा चेक करने पर थोड़ा बहुत अंतर पाया गया, लेकिन यह तकनीकी कारणों से होने की संभावना है. फिलहाल काटा बंद किया गया है-सुरेश धकुलकर, कर्मचारी, खरीदी बिक्री संघ