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प्रतीकात्मक तस्वीर

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    • एमएसई वर्कर्स फेडरेशन की चेतावनी 

    अमरावती. कोरोना काल में 24 घंटे सेवा देने वाले महानिर्मिति, महा पारेषण और महावितरण के कर्मियों को फ्रंट लाइन वर्कर का दर्जा देने की मांग पूरी करों. अन्यथा 17 मई से संपूर्ण राज्य में विद्युत कर्मचारी हड़ताल करेंगे. यह चेतावनी महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन ने दी है. इसी समय कोरोना बाधित कर्मचारियों को तत्काल स्वास्थ्य सेवा प्राप्त होने की गुहार भी सरकार को लगाई है. फेडरेशन के अध्यक्ष मोहन शर्मा और महासचिव कृष्णा भोयर ने मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखकर यह मांग की है.

    लाकडाउन में भी दे रहे सेवा

    कड़ा लाकडाउन होने के बावजूद अत्यावश्यक क्षेत्र के अधिकारी कर्मचारी काम कर रहे हैं. सरकार ने शासकीय सेवा में केवल 15% कर्मचारियों को ही कार्यालय में काम करने की अनुमति दी है. जबकि अन्य कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की अनुमति दी है. वर्क फ्रॉम होम के लिए बिजली आवश्यक है बिजली नहीं है तो कंप्यूटर, मोबाइल, टीवी, फैन, इलेक्ट्रिसिटी के उपकरण शुरू नहीं रह सकते. जिसके चलते बिजली कर्मचारियों को 24 घंटे सेवा में तत्पर रहना पड़ता है.

    अस्पतालों में भी कोरोना के मरीजों के चलते बिजली महत्वपूर्ण है. परिणामतः कर्मचारियों को दिन-रात सेवा में तत्पर रहना पड़ रहा है. कोरोना महामारी की स्थिति और बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए बिजली कर्मचारियों का काम जान पर खेलकर ही करना पड़ रहा है. जिसके चलते उन्हें फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा देना चाहिए, ऐसी मांग संगठन के पदाधिकारियों द्वारा की जा रही है. सरकार की ओर से निवेदन को मंजूर नही किया तो 17 से राज्य भर में आंदोलन करने की चेतावनी फेडरेशन ने दी है.

    अभी तक 400 की मौत 

    तीनों बिजली कंपनी के 15 हजार से अधिक कर्मचारियों को कोरोना हुआ है. जिसमें से 400 लोगों की मौत हो चुकी है. महावितरण, महापारेषण और महानिर्मिती ने सबसे अधिक वर्कर को गवाया है. यह आंकड़े और आने वाली स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्हें को फ्रंटलाइन कर्मचारियों का दर्जा देना चाहिए.- महेश जाधव, जोनल सेक्रेटरी एमएसई वर्कर्स फेडरेशन