दशहरा: सोना लेन-देन को लेकर असमंजस, अंबा-एकवीरा देवी कार से करेगी सीमोलंघन

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अमरावती. दशहरे पर सोना (शमी की पत्तियों) लेने देने की परंपरा इस पर्व की गरीमा और उत्साह को दुगना करती है. लेकिन इस बार कोरोना के संक्रमण के चलते रिश्तेदारों, मित्र संबधियों के घर सोना देने जाए या नहीं इस बात को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है. सेहत और संबधों के बिच लोग उलझन में है. इस बार रावण दहन भी नहीं होगा.  अंबादेवी व एकवीरा देवी के सीमोलंघन की परंपरा अबाधित रखने का निर्णय मंदिर ट्रस्ट ने लिया है. लेकिन इस बार माता की प्रतिमाओं को कार में रखकर यह सीमोलंघन करवाया जाएगा. 

ऐतिहासिक और अनोखा होगा पर्व

बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व के रुप में  मनाए जाने वाले दशहरे को लेकर इस बार लोगों में उत्साह बरकरार है. लोग अपने घरों की सजावट, रांगोली, तैयारियों में जुटे है. सतर्कता बरते हुए मेलजोल कम करने व सोशल डिस्टंसीग का पूरी तरह अमल करने के लिए तैयार है.  लेकिन इस साथ इस बार यह पर्व पर परिवार के साथ अनोखे अंदाज में मनाने की तैयारियां जारी है. अधिकांश लोग घरों में ही मिष्ठान्न  युक्त पकवान बनाने व परिवार के साथ खुशियां मनाने तैयार है.  घरों की सजावट, परिधान, और मुस्कुराते चेहरे आनलाईन शेअर होंगे. सोशल मिडिया का जम कर उपयोग होगा. जिले में पहली बार इस तरह का दशहरा पर्व मनाया जाएगा. 

नहीं होगा रावण दहन

विश्व हिन्दू महासंघ  की ओर से हर वर्ष नेहरु मैदान में बड़े पैमाने पर रावण दहन उत्सव का आयोजन किया जाता है जिसमें 20 हजार से अधिक लोग शामिल होते है. लेकिन इस वर्ष कोविड 19 के चलते यह उत्सव न लेने का निर्णय लिया गया. शासन की गाईड लाईन का पूरा पालन किया जा रहा है.  यह जानकारी विश्व हिन्दू महासंघ के संगठन मंत्री फनिन्द्र वाड़कर व जिला प्रमुख आशिष राठी ने दी. 

हव्याप्र मंडल का विजयादशमी उत्सव नहीं 

 गत 100 वर्षों से हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल द्वारा बडनेरा रोड स्थिति दशहरा मैदान में विजया दशमी उत्सव मनाने की परंपरा है. जिसे देखने पूरे जिले से हजारों लोग पहुंचते है. एक से बढ़कर एक कतरबों का प्रस्तुतिकरण होता है. लेकिन इस बार यह उत्सव भी नहीं होगा यह जानकारी हव्याप्र मंडल के प्रधान सचिव प्रभाकर राव वैद्य ने दी है. 

2 ट्रस्टी, 2 पुजारी होगें सीमोलंघन में शामिल 

दशहरे के दिन सीमोलंघन की परंपरा को अबाधित रखने के लिए अंबादेवी व एकवीरा की प्रतिमाओं को दो अलग अलग कार में रखकर यह दो ट्रस्टियों व दो पुजारियों के साथ यह परंपरा निभाई जाएगी. लेकिन इसके किस समय  यह सीमोलंघन होगा इसका समय गुप्त रखा गया है. हर वर्ष यह सीमोलंघन पालखी में किया जाता है. 

करें वर्चुअल दशहरा मिलन, फोन पर दे बधाई

अपने और अपने परिवार के स्वास्थ से बढ़ कर कुछ नहीं है. सेहत से खिलवाड़ न  करे. इस बार अपनों से वर्चुअल दशहरा मिलन करे. फोन पर बधाई दें और लें. कोरोना जैसे संकट के दौर में जिला वासियों ने जो संयम दिखाया है वह सराहनिय है. यही सतर्कता  कुछ और समय तक बनाएं रखना आवश्यक्ता  है. – शैलेश नवाल, जिलाधिकारी