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मोर्शी. तहसील के पिंपलखुटा बड़ा के दर्जनों किसान मंगलवार को एसडीओ कार्यालय पर धमक पड़े. दिसंबर 2019 में ओलावृष्टि से प्रभावित होने के बाद भी पिंपलखुटा के नुकसानग्रस्त किसानों को सरकार की मदद से वंचित रहना पड़ा. गांव के किसानों का आरोप है कि पिंपलखुटा के पटवारी कैलाश बनसरे ने ओलावृष्टि में कोई नुकसान दर्ज नहीं कर अन्याय किया. इसी कारण गांव के किसानों ने यह आंदोलन कर प्रशासन का ध्यान खींचने का प्रयास किया. 

तहसील को 34.35 करोड़ की मदद 

दिसंबर 2019 में ओलावृष्टि से फसल क्षति होने के कारण मोर्शी तहसील को 34 करोड़ 35 लाख 24 हजार रुपये का मुआवजा मंजूर हुआ. जिसमें तहसील के सभी बाधित हुए थे. लेकिन पिंपलखुटा के क्षतिग्रस्त किसान इस सरकारी मदद से वंचित है. पटवारी की लापरवाही के कारण यह नौबत होने का आरोप कर तत्काल कार्रवाई कर पिंपलखुटा के नुकसानग्रस्त किसानों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर यह आंदोलन किया गया. पटवारी का फौरन तबादला करने की मांग भी की.

इस संदर्भ में एसडीओ हिंगोले को निवेदन सौंपा गया. एसडीओ आफिस पर धमके किसानों में आशीष मोंगरकर, डा. गजानन चरपे, भास्कर आढाऊ, प्रकाश निकम, मोहन  सायवान, संजय व्यास, गोपाल कनेर, पंकज कनेर, राजीव मुले, शैलेश साबले, सुरेश केचे विठ्ठल उघडे, सादीक अलि, अविनाश बोबडे, गजानन देशमुख, निलेश उघडे, संजय देशमुख सागर उघडे, ज्ञानेश्वर परतेती, मनोज खैरकर, मोहन जिकाटे, राजेश मगरदे, सुरेश केचे, रऊफखां  पठान का समावेश है.