अमरावती. कोरोना महामारी के चलते इतिहास में पहली बार आषाढ़ी एकादशी पर विदर्भ की पंढरी कौंडण्यपुर समेत सभी विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिरों में वीरानी छायी रही. आषाढ़ी एकदशी के उपलक्ष्य में प्रतीवर्ष कौंडण्यपुर में रुक्मिणी की पालखी निकाली जाती थी, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं. लेकिन इस वर्ष कोरोना के मद्देनजर कोई तामझाम नहीं किया गया.
पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर की पहल पर रुक्मिणी पालखी सीमित वारकरियों के साथ मंगलवार को पंढरपुर के लिए रवाना हुई. हर साल पालखी रवाना होने के बाद विभिन्न कार्यक्रम होते थे. रुक्मिणी के दर्शन के लिए जिले से ही नहीं बल्कि समूचे राज्य से भाविक आते थे. लेकिन इस वर्ष कौंडण्यपुर में सभी कार्यक्रम रद्द किए गए.
बाहर से ही लिए दर्शन
कोरोना संक्रमण के माहौल में मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ होने की संभावना होने के चलते शहर के सभी विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर के पट बंद रखे गए थे. इस वजह से भाविकों ने बाहर से ही दर्शन किए. ग्रामीण क्षेत्र में मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर भजन कीर्तनों का आयोजन किया गया.