वनकर्मी लिप्त होने का आरोप, सागौन तस्करी का मामला

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धारणी. मेलघाट के सुसर्दा वनक्षेत्र के वनखंड क्र. 1233 में तस्करों द्वारा सागौन के 30 बडे पेड़ काटकर ले भागे जाने के मामले में वनकर्मियों की लिप्तता होने का आरोप किया जा रहा है. तस्कर ट्रक लेकर घुसे जंगलों में प्रथम दर्शनी सागौन की यह तस्करी मध्यप्रदेश से किए जाने के तथ्य सामने आ रहे है. 10 चक्का ट्रक जंगल में लाकर गुप्त मार्ग की जानकारी और सागौन के बडे बडे पेडों का कटाई के लिए चयन किए जाने में तस्करों को स्थानीय वनकर्मियों का सहयोग मिलने का संदेह व्यक्त किया जा रहा है.

वनरक्षक ही तस्करों के लिए गाईड की भूमिका में होने का शक बढ़ता जा रहा है. सुसर्दा वनपरिक्षेत्र से सटे सुसर्दा, सावलीखेडा, बिरोटी, चेंडो, कोल्डाढाणा, बारातांडा, जामपाणी, दाभ्याखेडा और डाबका गांव में वनकर्मियों की भूमिका को लेकर सवाल उठाए जा रहे है. 

सुरक्षा में खामी
सागौन तस्करी के समय सुसर्दा वनपरिक्षेोत्र में वनरक्षक पाखंडे व वनमजदूर व रवि ड्यूटी पर तैनात थे. उसके बावजूद दोनों को कानोकान खबर नहीं लगना चर्चा का विषय  बन गया है. तस्करों ने केवल 4-5 घंटों में इलेक्ट्रानिक मशीन से पेड काटकर ट्रक में भरे और भाग गए. जबकि जंगल में कोई एक अकेला भी प्रवेश कर जाए तो उसे तुरंत पकड़ लिया जाता है. स्थानीय आदिवासी वनकर्मियों की इस सजगता से भलीभांति परिचित है.