Research: Scientists explain the results of the continued spread of Covid-19
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अमरावती. 56 वर्षीय रोगी के संपर्क में आने से एक साथ 3 नर्स कोरोना पाजिटिव मिली हैं. विजयनगर स्थित गेटलाइफ हास्पिटल को जिला अस्पताल प्रशासन की गलती का यह खामियाजा चुकाना पड़ा है. हुआ यूं कि 27 मई को एक 56 वर्षीय रोगी को दमा के चलते गेटलाइफ हास्पिटल के आईसीयू में इस कारण भर्ती किया गया कि उसकी थ्रोट स्वैब रिपोर्ट पर निगेटिव का जिक्र था. लेकिन दूसरे ही दिन 28 मई को इर्विन प्रशासन से गेटलाइफ हास्पिटल के डा. स्वप्निल दुधाट को फोन पर सूचित किया गया कि जिस 56 वर्षीय व्यक्ति की थ्रोट स्वैब रिपोर्ट निगेटिव बताई गई थी. वास्तविकता में वह पाजिटिव है. एक ही नाम के 2 रोगी होने के कारण यह गलती हुई.

बेनोडा, यशोदा व रुख्मिनीनगर की है
56 वर्षीय रोगी के संपर्क में आने वाले सभी 13 कर्मचारियों को होम क्वारंटाइन करते हुए उनके थ्रोट स्वैब की जांच की गई. जिसमें से बेनोडा निवासी 35 वर्षीय नर्स की मंगलवार को रिपोर्ट पाजिटिव मिली. उसके बाद बुधवार को सुबह और नर्स की रिपोर्ट पाजिटिव आई है, जिसमें एक 22 वर्षीय नर्स यशोदानगर और दूसरी 23 वर्षीय नर्स रुख्मिनीनगर निवासी है.

10 दिनों के लिए हास्पिटल बंद
रोगियों की सावधानी के लिये को सैनिटराइज्ड कर हास्पिटल के अगले 10 दिनों के लिये बंद रखे जाने की जानकारी डा. नरेंद्र वानखड़े व डा. स्वप्निल दुधाट ने दी.

नाम व सरनेम एक जैसा होने से गड़बड़ी
सारी के इलाज के लिये देशमुख नामक एक रोगी जिला अस्पताल में भर्ती हुआ. स्वास्थ्य में सुधार होने से उसे डिस्चार्ज दिया गया. इसी दौरान देशमुख नाम से ही एक व्यक्ति इर्विन में दाखिल कराया गया. इसे डिस्चार्ज देते समय मोबाइल पर पूछे जाने से संबंधित कर्मचारी ने सरनेम देखकर तपाक से कह दिया कि कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है. बस एक नाम व सरनेम के कारण यह गड़बड़ी हुई है.

-डा. श्यामसुंदर निकम, सीएस