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    धारणी: रेत को लेकर शासन शासन प्रशासन की गलत नितियों के कारण घरकुल योजना के लाभार्थी बेघर हो रहे हैं. वहीं निधि मंजूर होने के बाद भी  शासकिय निर्माण कार्य अधर में हैं. ऐसे में मेलघाट वासियों को मध्यप्रदेश से रायल्टी भरकर रेत लाने की अनुमति देने की मांग विधायक राजकुमार पटेल ने जिलाधिकारी से की. गुरुवार को पटेल कलेक्टर आफिस पर धमके. रेत न मिलने को लेकर वे आक्रमक हुए. रेत की समस्या तुरंत हल न किए जाने पर उन्होंने सत्याग्रह करने की चेतावनी जिला प्रशासन को दी.  

    एमपी से रेत लाने की अनुमति मांगी

    पटेले ने जिलाधिकारी शैलेश नवाल से चर्चा करते हुए बताया कि मेलघाट के घरकुल योजना के लाभार्थियों को नियम के अनुसार मकान गिराकर नए मकानों के निर्माण की शुरू करने की. मकान गिरा भी दिए गए, जिससे लाभार्थी सड़क पर आ गए. वे कपडे से बने टेंट में अस्थाई रुप से रहने लगे. लेकिन अब रेत न मिलने से उनके मकान अधूरे हैं. जिससे उनका जीवन स्तर उंचा उठने की बजाय और नीचे आ गया है. 

    निर्माण कार्य के मजदूरों पर बेरोजगारी

    चिखलदरा व धारणी तहसील में दर्जनों शासकिय निर्माण कार्यों को मंजूरी मिली है. जिसके लिए पर्याप्त निधि भी उपलब्ध करवायी गई है. लेकिन यह निर्माण कार्य भी रेत के आभाव में अटके हैं. जिससे निर्माण कार्य में लगे हजारों मजदूरों के परिवारों पर आर्थिक संकट है. उनके परिवारों पर भुखमरी की नौबत है. पहले ही विकास की पटरी से कोसों दूर मेलघाट में अब रेत न मिलना एक बड़ी समस्या है. जो यहां के प्रगति पथ को रोक रही है. निर्माण कार्य के लिए स्थानिय स्तर पर  रेत उपलब्ध न होने से एमपी से रेत लाने की विशेष  अनुमति अनिवार्य है. यदि प्रशासन तुरंत इस मामले में निर्णय नहीं लेता है तो पटेल ने सत्याग्रह करने की चेतावनी भी जिलाधिकारी नवाल को दी. 

    यहां से रेत नहीं, वहां से बंदी

    जल संपदा विभाग को रत्नापुर का एक पूरा रेत घाट दे दिया गया है. जो एफए ठेका कंपनी उपयोग कर रही है. डे,नाईट 5 डं‍पर रेत उत्खनन जेसीबी से किया जा रहा है. इसके लिए पोकलैंड, जेसीबी का उपयोग हो रहा है. जबकि हमारे घरकुल लाभार्थी रेत के आभाव में सड़कों पर रह रहे हैं. उन्हे यहां रेत नहीं मिल रही. एमपी से रेत लाने पर बंदी है. शासकिया निर्माण भी अधर में हैं. ऐसे में इन गरीब लाभार्थियों व शासकिय काम के लिए एम पी से नियम पूर्वक रेत लाने की अनुमति मिलनी चाहिए. इसके लिए कई बार चर्चा हो चुकी है. अबकि बार अनुमति नहीं मिली तो हम सत्याग्रह करेंगे. – राजकुमार पटेल, एमएलए