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  • विदर्भ के किसानों की दिवाली अंधेरे में

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अमरावती. विदर्भ में वापसी की बारिश से खरीफ फसल चौपट हो जाने से प्रभावित किसानों की दिवाली अंधेरे में ही होगी. हालांकि नागपुर व अमरावती संभाग के राजस्व आयुक्तालय से 500 करोड़ से अधिक की खरीफ फसल अतिवृष्टी व बाढ़ से खराब हो जाने की रिपोर्ट शासन को भेजी गई है, लेकिन 65 प्रतिशत से अधिक वापसी की बारिश का मानक लगाये जाने से विदर्भ के हिस्से केवल 7 करोड़ ही आएंगे. इस तरह सरकार व्दारा घोषित 10 हजार करोड़ के पैकेज के अंतर्गत विदर्भ के अधिकांश किसान सरकारी मुआवजे से वंचित रहेंगे. जिससे विदर्भ के सभी 11 जिलों के प्रभावित किसानों में महाविकास आघाड़ी सरकार को लेकर गुस्सा देखा जा रहा है. जैसा कि राज्य के पुनर्वास मंत्र विजय वड्डेटीवार ने सोमवार 9 नवंबर से किसानों के खाते में मुआवजे की रकम जमा होने की घोषणा की है. 

10 जिलो को रखा नुकसान से वंचित

वापसी की बारिश से हुए नुकसान की मदद घोषित करते समय विदर्भ के 10 जिलों के किसानों को नुकसान भरपाई से वंचित रखा गया है. अमरावती संभाग अंतर्गत आने वाले अमरावती, अकोला, यवतमाल, बुलड़ाना, वाशिम तथा नागपुर विभाग के नागपुर, गोंदिया, चंद्रपुर और वर्धा जिले के किसानों का नुकसान नहीं होने की बात रिपोर्ट में स्पष्ट हुई है. भंडारा जिले में केवल 2 करोड़ 11 लाख का नुकसान हुआ है. इसके अलावा मकान, कपड़े आदि का 19 लाख 85 हजार, मृत मवेशियों का 5 लाख और बड़े पैमाने पर मकान ढहने से 2 करोड़ 86 लाख रुपयों का नुकसान होने का आंकड़ा दिया गया है. अमरावती संभाग में भी 5 जिले मिलाकर 1 करोड़ 94 लाख रुपयों का नुकसान दर्ज किया है. अमरावती व अकोला इन दो जिलों में 4 लाख 82 हजार रुपयों का नुकसान आंका गया है. जबकि विदर्भ में एक भी मवेशी की मौत नहीं हुई है ऐसा दावा भी सरकार व्दारा किए गए सर्वेक्षण में किया गया है. 

भाजपा के नेता चुप क्यों 

विदर्भ के किसान मुआवजे से वंचित ना हो, इसके लिये सरकार को नये सिरे से राहत पैकेज देने दबाव बनाया है. इतना तय है कि दिवाली के पहले विदर्भ के किसानों को मुआवजा मिलना मुश्किल है. कृषि मंत्री ने भी माना है कि वापसी की बारिश में सोयाबीन, धान समेत अन्य खरीफ फसलें चौपट हुई है. बिहार और अर्णव गोस्वामी के चक्कर से बाहर नहीं निकल रही विपक्षी दल भाजपा विदर्भ के किसानों को न्याय दिलाने क्यों सामने नहीं आ रही है. यह भी एक प्रश्न है. विदर्भ पर अन्याय हुआ है. इसलिए मुख्यमंत्री, कृषि,मंत्री व कृषि सचिव से मिलकर विदर्भ के सभी कपास, सोयाबीन व संतरा उत्पादक किसानों को 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर देने की मांग की है. जल्द ही 50 प्रतिशत से नीचे पैसेवारी घोषित होगी. जिससे विदर्भ के किसानों को न्याय मिलेगा. – किशोर तिवारी, किसान नेता

चूल्लूभर पानी में डूब मरो

सत्तारूढ़ का साथ देने वाली पार्टियों के आंखें कब खुलेगी. यदि आंखें नहीं खुलती है तो चूल्लूभर पानी में डूब मरने की नौबत ला दी है. किसानों के हितैषी होने का दावा करने वाले किसानों पर ही अन्याय कर रहे है, लेकिन हम हमेशा ही किसानों के साथ खड़े थे और रहेंगे. विदर्भ के किसानों के साथ अन्याय कदापि सहन नहीं करेंगे. – डॉ. अनिल बोंडे, पूर्व कृषिमंत्री

उपमुख्यमंत्री से करेंगे चर्चा 

शासकीय मानकों के कारण यदि विदर्भ को केवल 7 करोड़ रुपये मिलते है तो यह निश्चित ही किसानों पर अन्याय है. इस संदर्भ में उपमुख्यमंत्री अजित पवार और वित्त सचिव से बात की जाएगी. विदर्भ के साथ इस तरह भेदभाव करना गलत है. इसलिए सरकार को भी किसानों को न्याय देने के लिए बाध्य किया जाएगा. – देवेंद्र भुयार, विधायक

सरकार किसानों के साथ है

नुकसान भरपाई की बात होती है. सरकार किसानों पर कतई अन्याय नहीं होने देगी. सर्वेक्षण के बाद बनाई गई रिपोर्ट के आधार पर ही नुकसान भरपाई दी जाती है. यदि रिपोर्ट गलत बनाई होगी तो उस अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. लेकिन नुकसान नहीं होता है और फिर भी नुकसान भरपाई मांगी जाती है. या फिर नुकसान होने के बाद भी वह वंचित रह जाता है, तो यह भी गलत बात होगी. – सुलभा खोड़के, विधायक 

संभाग में 33 प्रश से अधिक बाधित क्षेत्र, शासन को भेजा 350 करोड़ का प्रस्ताव 

जिला      बाधित किसान बाधित क्षेत्र (हे.)   अनुमानित रकम (रु.लाख में)

अमरावती         366916 314869.89 23076.18

अकोला         72475 51562.53 3508.76

यवतमाल          19191 11897.45 825.03

बुलढाणा        144365 94537.09 6462.39

वाशिम 5584 2232.22         153.15

कुल       608531      475099.18     34025.51